
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को अपने 14 साल लंबे टेस्ट करियर को अलविदा कह दिया। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की औपचारिक घोषणा की। कोहली ने अपने पोस्ट में एक विशेष नंबर — 269 — का उल्लेख किया, जिसने उनके प्रशंसकों के बीच जिज्ञासा जगा दी है। तो चलिए जानते हैं कि यह नंबर विराट कोहली के लिए क्यों खास है और उन्होंने इसे अपने रिटायरमेंट पोस्ट में क्यों शामिल किया।
269 नंबर का महत्व क्या है?वास्तव में, विराट कोहली का टेस्ट कैप नंबर 269 है। जब उन्होंने वर्ष 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था, तब वह भारत की ओर से टेस्ट खेलने वाले 269वें खिलाड़ी बने थे। आपको बता दें कि अब तक भारत की ओर से कुल 316 खिलाड़ी टेस्ट मैच खेल चुके हैं। नितीश कुमार रेड्डी, जो हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में डेब्यू कर चुके हैं, भारत के 316वें टेस्ट क्रिकेटर हैं।
गौरतलब है कि विराट कोहली के साथ ही प्रवीण कुमार और अभिनव मुकुंद को भी उसी सीरीज में टेस्ट डेब्यू का मौका मिला था। सबसे पहले प्रवीण कुमार को टेस्ट कैप दी गई, जिससे वह 268वें भारतीय टेस्ट खिलाड़ी बने। इसके बाद कोहली को टेस्ट कैप सौंपी गई और वह 269वें खिलाड़ी बने। अभिनव मुकुंद को 270वें स्थान पर टेस्ट डेब्यू का अवसर मिला।
टेस्ट क्रिकेट में कोहली का प्रदर्शनकोहली ने अपने शानदार टेस्ट करियर में 123 मैचों में 46.85 की औसत से कुल 9230 रन बनाए हैं। इसमें उनके नाम 30 शतक और 31 अर्धशतक दर्ज हैं। वह भारत की ओर से टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में चौथे नंबर पर हैं।
इस सूची में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर पहले स्थान पर हैं, जिन्होंने 15,291 रन बनाए हैं। उनके बाद राहुल द्रविड़ (13,265 रन) और सुनील गावस्कर (10,122 रन) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एकविराट कोहली ने वर्ष 2014 से 2022 तक भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी की। 36 वर्षीय कोहली के बाद यह जिम्मेदारी रोहित शर्मा को सौंपी गई, जिन्होंने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा। कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से 40 में जीत दर्ज की गई। उनकी नेतृत्व क्षमता की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रही भारत का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पहले फाइनल में पहुंचना, हालांकि फाइनल में टीम को न्यूज़ीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।