
महज 14 साल की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया है। बाएं हाथ के इस युवा बल्लेबाज़ ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी से आईपीएल में सभी को चौंका दिया है। यह उनका पहला सीज़न है और वह राजस्थान रॉयल्स के लिए ओपनिंग कर रहे हैं। हाल ही में पंजाब किंग्स के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 15 गेंदों में 40 रन ठोक दिए। इसके बावजूद, सोशल मीडिया पर उन्हें फर्जी कहकर ट्रोल किया जा रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि वैभव असली खिलाड़ी हैं ही नहीं। आखिर क्यों उठ रहे हैं इस नन्हें खिलाड़ी पर ऐसे सवाल? चलिए जानते हैं इसकी पूरी वजह।
वैभव सूर्यवंशी पर सोशल मीडिया क्यों हो रहा है हमलावर?पंजाब के खिलाफ वैभव सूर्यवंशी की तूफानी पारी में 4 चौके और 4 छक्के शामिल थे। खास बात यह रही कि उन्होंने एक भी रन दौड़कर नहीं बनाया—यानी न कोई सिंगल, न डबल। सारी की सारी बाउंड्रीज़ के जरिए ही रन जुटाए। इसी बात को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना हो रही है। एक यूजर ने ट्वीट किया—वैभव खिलाड़ी नहीं, एक फ्रॉड है, जो हर गेंद पर सिर्फ बल्ला घुमाता है। दरअसल, कई लोग मानते हैं कि क्रिकेट में स्ट्राइक रोटेशन यानी सिंगल-डबल भी उतने ही जरूरी होते हैं जितने बड़े शॉट्स। वैभव की बल्लेबाज़ी में स्ट्राइक रोटेशन की कमी उन्हें आलोचना का शिकार बना रही है।
वैभव सूर्यवंशी की बैटिंग सिर्फ चौकों-छक्कों पर निर्भरIPL 2025 में अब तक वैभव सूर्यवंशी ने 6 मैचों में 32 से ज्यादा की औसत से कुल 195 रन बनाए हैं। इनमें उन्होंने 20 छक्के और 14 चौके लगाए हैं। यानी 166 रन तो उन्होंने सिर्फ बाउंड्री से ही हासिल किए हैं। इन आंकड़ों से साफ ज़ाहिर है कि उनका ध्यान स्ट्राइक रोटेशन की बजाय बड़े शॉट्स पर है। हालांकि यह उनकी बल्लेबाज़ी की शैली है, जिसे सभी नहीं समझ पा रहे।
लेकिन आलोचना करने वालों को यह नहीं भूलना चाहिए कि वैभव सिर्फ 14 साल के हैं और ये उनका पहला आईपीएल है। इतनी कम उम्र में इतने बड़े मंच पर खेलना अपने आप में बड़ी बात है। और जब राजस्थान रॉयल्स की टीम मैनेजमेंट उनके खेलने के अंदाज़ का समर्थन कर रही है, तो बाहर के लोगों को इतनी जल्दी राय नहीं बनानी चाहिए। आने वाले समय में वैभव अपनी बल्लेबाज़ी को और बेहतर बनाएंगे। और अगर उन्होंने स्ट्राइक रोटेशन भी सीख लिया, तो यकीन मानिए—वो सबसे ख़तरनाक बल्लेबाज़ों में गिने जाएंगे।