टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारत का धमाकेदार प्रदर्शन जारी है। सोनीपत (हरियाणा) के 23 वर्षीय सुमित अंतिल ने भारत को एक और स्वर्ण पदक दिला दिया है। उन्होंने सोमवार को पुरुषों की भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) में एफ 64 वर्ग में बाजी मारी। सुमित ने भाला 68.55 मीटर दूर फेंककर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। सुमित का ये थ्रो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत का ये दूसरा स्वर्ण है।
सुमित से पहले आज सुबह अवनि लेखरा ने शूटिंग में भारत को गोल्ड दिलाया। अवनि ने महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में पहला स्थान हासिल किया। आपको बता दें कि सुमित ने इस इवेंट में अपना ही रिकॉर्ड दो बार तोड़ा। उन्होंने पहले प्रयास में 66.95 मीटर का थ्रो किया, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बना। इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने 68.08 मीटर भाला फेंका। पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर का थ्रो करने में सफल रहे। इससे पहले आज ही जेवलिन थ्रो की एक दूसरी इवेंट में देवेंद्र झाझड़िया ने रजत और सुंदर सिंह गुर्जर ने कांस्य जीता था। दुर्घटना से पहले पहलवान थे सुमित अंतिल
सुमित के थ्रो की
सीरीज 66.95, 68.08, 65.27, 66.71, 68.55 मी. और फाउल रही। ऑस्ट्रेलिया के
मिचाल बुरियन (66.29 मी.) और श्रीलंका के डुलान कोडिथुवाक्कू (65.61 मी.)
ने क्रमश: रजत और कांस्य जीता। संदीप चौधरी (62.20 मी.) चौथे स्थान पर रहे।
एफ64 इवेंट में एक पैर कटा होने वाले एथलीट कृत्रिम अंग (पैर) के साथ खड़े
होकर हिस्सा लेते हैं। दिल्ली के रामजस कॉलेज के छात्र सुमित दुर्घटना से
पहले पहलवान थे। उनके बाएं पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा। उनके गांव
के ही एक पैरा एथलीट ने 2018 में उन्हें भाला फेंक के बारे में बताया।
विनोद कुमार ने चक्का फेंक में जीता था कांस्य, लेकिन...
भारत
के चक्का फेंक एथलीट विनोद कुमार ने सोमवार को टूर्नामेंट के पैनल द्वारा
विकार के क्लालिफिकेशन निरीक्षण में ‘अयोग्य’ पाए जाने के बाद पैरालंपिक की
पुरुषों की एफ52 स्पर्धा का कांस्य पदक गंवा दिया है। इसी के साथ भारत के
हाथ से एक मेडल निकल गया। डिस्कस थ्रोअर विनोद ने रविवार को कांस्य पदक
जीता था। उनके विकार के क्लालिफिकेशन पर विरोध जताया गया, जिसके बाद मेडल
होल्ड कर दिया गया था। बीएसएफ के 41 साल के जवान विनोद कुमार ने 19.91 मीटर
के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरा स्थान हासिल किया था।