भारतीय पहलवान रवि दहिया ने बुधवार को टोक्यो ओलंपिक में दमदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया है। दहिया ने 57 किलो वर्ग के सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के सनायेव नूरिस्लाम को 13-2 से हरा दिया। दहिया ने इसके साथ ही इस ओलंपिक में भारत के लिए चौथा पदक पक्का कर लिया। अब वे कल होने वाले फाइनल में गोल्ड जीतने के इरादे से उतरेंगे। गत एशियाई चैंपियन दहिया ने उस समय जीत दर्ज की जबकि मुकाबले में एक मिनट और 10 सैकंड का समय और बचा था। दहिया ने दूसरे पीरियड में पांच टेकडाउन से अंक जुटाते हुए तकनीकी मजबूती दिखाई। इससे पहले दहिया ने शुरुआती दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते। चौथी वरीय दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13-2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया।
दीपक से अब भी है पदक की उम्मीद
एक अन्य भारतीय पहलवान दीपक
पूनिया को 86 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में अमेरिकी रेसलर डेविड
टेलर से हार का सामना करना पड़ा। दीपक को 10-0 से हार झेलनी पड़ी। हालांकि
दीपक से अभी कांस्य पदक की उम्मीद बरकरार है। महिलाओं के 57 किलोवर्ग के
पहले मुकाबले में 19 वर्ष की अंशु मलिक यूरोपीय चैम्पियन बेलारूस की इरिना
कुराचिकिना से 2-8 से हार गईं। एशियाई चैम्पियन अंशु ने 0-4 से पिछड़ने के
बावजूद दो पुश आउट अंक लिए। यूरोपीय पहलवान का अनुभव आखिरकर अंशु के जोश पर
भारी पड़ा।
लगातार चौथे ओलंपिक में रेसलिंग में मिला पदक
ये
लगातार चौथा ओलंपिक है जब भारत ने रेसलिंग में पदक पर कब्जा जमाया है। रवि
दहिया से पहले भारत के लिए रेसलिंग में सुशील कुमार (2008, 2012),
योगेश्वर दत्त (2012) और साक्षी मलिक (2016) पदक जीत चुके हैं। सुशील कुमार
ने 2008 में बीजिंग में कांस्य और 2012 में लंदन में रजत पदक जीता था।
साक्षी और योगेश्वर के नाम कांस्य पदक है। साक्षी ने पांच साल पहले रियो
ओलंपिक में मेडल अपने नाम किया था।