Tokyo Olympic : कोरोना वायरस के डर से भारतीय खेमे में हुई दहशत, यहां जानें पूरा मामला

टोक्यो ओलंपिक शुरू होने ही वाला है। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण इसका आयोजन निर्धारित समय से एक साल बाद हो रहा है। हालांकि अभी भी इस पर कोरोनावायरस के कारण खतरा मंडरा रहा है। खिलाड़ियों और स्टाफ मेंबर्स के लगातार संक्रमित होने की सूचना मिल रही है। इस बीच, पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार खेल गांव पहुंचे भारतीय खेमे में बुधवार को उस समय खलबली मच गई, जब एक गलती की वजह से शिविर में कोविड-19 का अलार्म बज गया।

भारतीय खिलाड़ियों में उस वक्त दहशत हो गई जब हेल्थ स्टेटस एप्लीकेशन में गलत एंट्री के कारण अलार्म बज पड़ा। हालांकि कोई मामला भारतीय खिलाड़ियों से जुड़ा नहीं है। भारतीय दल के उप प्रमुख प्रेम वर्मा ने साफ किया कि किसी में भी वायरस के लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं और कोई पॉजिटिव केस नहीं था।

स्वास्थ्य रिकॉर्ड अपडेट करने में गलत जानकारी दर्ज की

आइओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने स्वास्थ्य रिपोर्ट एप (ओसीएचए) में तीन भारतीय अधिकारियों को लक्षणों के साथ दिखाए जाने के बाद प्रेम वर्मा से एक स्पष्ट तस्वीर मांगी, लेकिन दूसरे एप में ऐसा कोई विवरण नहीं था। वर्मा ने जवाब दिया कि किसी को लक्षण नहीं थे और पहली बार एप का इस्तेमाल कर रहे कुछ लोगों ने गलत एंट्री कर दी थी। स्वास्थ्य रिकॉर्ड अपडेट करने में गलत जानकारी दर्ज कर दी गई थी। इंडियन कैंप में कोरोना का कोई मामला नहीं है। उल्लेखनीय है कि खेल गांव पहुंचे कई देशों के खिलाड़ियों को कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया है। ऐसे में आशंका रहती है कि कहीं वायरस भारतीय दल में भी सेंध नहीं लगा दे।


कोच गोपीचंद को पीवी सिंधु के स्वर्ण जीतने का भरोसा

भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने रियो ओलंपिक में फाइनल तक पहुंचकर इतिहास रचा था। भले ही सिंधु को फाइनल में कैरोलिन मारिन के हाथों हार मिलने से रजत से ही संतोष करना पड़ा था, लेकिन वे अपने प्रदर्शन ने सबका दिल जीतने में सफल रही थीं। कोच पुलेला गोपीचंद को भरोसा है कि सिंधु टोक्यो में स्वर्ण पदक जीतेंगी।

गोपीचंद ने कहा कि बैडमिंटन में हमारे पास मौके हैं, निश्चित रूप से रियो और लंदन के प्रदर्शन से बेहतर करने के। इसलिए मुझे उम्मीद है कि सिंधु जीत सकती हैं, वह निश्चित रूप से ओलंपिक में दावेदारों में से एक होंगी। मेरा यह भी मानना है और उम्मीद करता हूं कि इस बार भारत अब तक के सबसे ज्यादा पदक जीतने में सफल होगा। लंदन में भारतीय टीम ने छह पदक जीतकर जो किया, हम उसे पीछे छोड़ सकते हैं।