टीम के पूर्व तेज गेंदबाज श्रीसंत एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। उनकी चर्चा किसी मैच को या कोई रिकॉर्ड अपने नाम से नहीं हो रही है, बल्कि उनकी चर्चा लोगों के साथ ठगी व धोखाधड़ी करने को लेकर हो रही है। इससे पूर्व वे 2013 आईपीएल फिक्सिंग मामले के चलते सुर्खियों में आए थे। इस मामले ने उनके पूरी क्रिकेट करियर को समाप्त कर दिया। इस बार उन पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है और केरल में उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। श्रीसंत और दो अन्य के खिलाफ गुरुवार को केरल पुलिस ने धोखाधड़ी और ठगी के आरोप को लेकर मामला दर्ज किया है।
त्रिशूर जिले के चुंडल गांव के निवासी सरीश गोपालन ने आरोप लगाया कि आरोपी राजीव कुमार और वेंकटेश किनी ने 25 अप्रैल, 2019 से विभिन्न तिथियों पर 18.70 लाख रुपये लिए। इन लोगों ने दावा किया कि वे कर्नाटक के कोल्लूर में एक खेल अकादमी बनाएंगे। राजीव और वेंकटेश की कंपनी में श्रीसंत की हिस्सेदारी है। सरीश ने यह भी दावा किया कि उन्हें अकादमी में साझेदारी का अवसर दिया गया था जिसमें उन्होंने पैसा लगाया था।
पुलिस ने श्रीसंत के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्हें दो अन्य लोगों के साथ तीसरा आरोपी बनाया गया है, जिन पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले 2008 में एक इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) मैच के दौरान श्रीसंत का हरभजन सिंह से विवाद हो गया था।
साल 2013 में आईपीएल के दौरान राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए एस श्रीसंत और उनके दो अन्य साथियों, अजीत चंदीला और अंकित चवाण पर स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगा था। जिसके बाद तीनों को हिरासत में लिया गया। इन सभी को स्पॉटफिक्सिंग का दोषी पाया गया था। बोर्ड की जांच में सभी आरोप सही पाए गए और श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।
हालांकि, 2015 में दिल्ली की अदालत ने श्रीसंत को सबूत को अभाव में ‘मकोका’ एक्ट के तहत स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया। बीसीसीआई ने इसके बाद श्रीसंत के प्रतिबंध को घटाकर सात साल कर किया। प्रतिबंध हटने के बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में केरल का प्रतिनिधित्व किया।
श्रीसंत टी20 वर्ल्ड कप 2007 और वनडे वर्ल्ड कप 2011 की विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीसंत के प्रदर्शन पर नजर डालें तो उन्होंने 27 टेस्ट की 50 पारियों में 37.59 की औसत और 3.62 की इकॉनमी से 87 विकेट चटकाए हैं। उन्होंने वनडे क्रिकेट की 52 पारियों में 33.44 की औसत और 6.07 की इकॉनमी से 75 विकेट लिए हैं। 10 टी20 अंतरराष्ट्रीय की 9 पारियों में उन्होंने 41.14 की औसत और 8.47 की इकॉनमी से 7 विकेट लिए हैं। उन्होंने पिछले साल मार्च में संन्यास का ऐलान कर दिया था।