
इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की आगामी सीरीज के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन आज, 23 मई को होना तय है। लेकिन टीम चयन से पहले ही कई महत्वपूर्ण फैसलों को लेकर चर्चा तेज हो गई है। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इस दौरे का हिस्सा बन पाएंगे या नहीं।
बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने जानकारी दी है कि शमी अभी भी पूरी तरह फिट नहीं हैं और लंबी गेंदबाज़ी के लिए तैयार नहीं माने जा सकते। ऐसे में चयन समिति के सामने यह दुविधा है कि क्या उन्हें टीम में शामिल किया जाए या किसी युवा और फिट गेंदबाज को मौका दिया जाए।
वहीं दूसरी ओर जसप्रीत बुमराह को लेकर भी अहम जानकारी सामने आई है। बुमराह ने पहले ही बोर्ड को सूचित कर दिया है कि वह अपने शरीर की स्थिति को देखते हुए अधिकतम तीन टेस्ट मैच ही खेल सकते हैं। इससे चयनकर्ताओं की रणनीति पर असर पड़ सकता है क्योंकि इंग्लैंड दौरे में सभी पांच टेस्ट मैचों के लिए मजबूत गेंदबाज़ी आक्रमण की आवश्यकता होगी।
सूत्रों के अनुसार, चयनकर्ता अजीत अगरकर फिटनेस को प्राथमिकता दे रहे हैं और इसीलिए वे उन गेंदबाजों को मौका देना चाह रहे हैं जो पांचों मैचों में योगदान दे सकें। यदि शमी चयन से बाहर होते हैं, तो अर्शदीप सिंह और अंशुल कंबोज जैसे युवा तेज गेंदबाजों को मौका मिल सकता है। अर्शदीप का इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने का अनुभव उनके पक्ष में जा सकता है, जबकि कंबोज का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन भी उन्हें चयन की दौड़ में बनाए हुए है।
इस बीच, टेस्ट टीम की कप्तानी को लेकर भी मंथन जारी है। रोहित शर्मा के संभावित उत्तराधिकारी के तौर पर शुभमन गिल का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। बताया जा रहा है कि गिल ने कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर के साथ इस विषय में चर्चा की है।
इंग्लैंड में भारत का प्रदर्शन ऐतिहासिक रूप से कमजोर रहा है – 1932 से अब तक भारत ने इंग्लैंड में 67 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें केवल 9 में जीत हासिल हुई है जबकि 36 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा है। शेष 22 मैच ड्रॉ रहे।
टेस्ट सीरीज कार्यक्रम इस प्रकार है:• पहला टेस्ट: 20-24 जून, हेडिंग्ले, लीड्स
• दूसरा टेस्ट: 2-6 जुलाई, एजबेस्टन, बर्मिंघम
• तीसरा टेस्ट: 10-14 जुलाई, लॉर्ड्स, लंदन
• चौथा टेस्ट: 23-27 जुलाई, ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर
• पांचवां टेस्ट: 31 जुलाई-4 अगस्त, द ओवल, लंदन
टीम चयन और खिलाड़ियों की उपलब्धता पर उठ रहे सवालों के बीच, सभी की निगाहें अब बीसीसीआई के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।