IND vs SA: टीम इंडिया ने बनाए 358 रन, फिर भी हार गई! जानें इन 5 खिलाड़ियों ने कैसे बिगाड़ा खेल

रायपुर में खेले गए भारत–साउथ अफ्रीका वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले में टीम इंडिया ने भले ही 358 रन का बड़ा स्कोर बनाया, लेकिन मैच जीत नहीं सकी। ऋतुराज गायकवाड़ और विराट कोहली के शतक ने जीत की उम्मीद जगाई थी, मगर गेंदबाजी और फील्डिंग में टीम की कमजोरी ने मैच हाथ से निकाल दिया और सीरीज 1-1 से बराबर हो गई। इस हार के पीछे 5 खिलाड़ियों का प्रदर्शन विशेष रूप से जिम्मेदार रहा, जिन्होंने टीम की योजनाओं को कमजोर कर दिया।

1. यशस्वी जायसवाल

युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल इस मुकाबले में सबसे बड़ी निराशा बने। बल्लेबाजी में उन्होंने उम्मीद के मुताबिक शुरुआत नहीं दी और जल्दी आउट हो गए। फील्डिंग में भी वह फेल रहे, जब उन्होंने एडेन मार्करम का आसान कैच टपका दिया। मार्करम इसके बाद सेट होकर शतक लगाने में सफल रहे, और मैच साउथ अफ्रीका के पक्ष में झुक गया। यह कैच ड्रॉप भारत के लिए महंगा साबित हुआ।

2. वाशिंगटन सुंदर

ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर से टीम को बड़ा योगदान मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इस मैच में वह बल्ले, गेंद और फील्डिंग तीनों में असफल रहे। बल्लेबाजी में केवल 1 रन, गेंदबाजी में 4 ओवर में 28 रन खर्च किए और कोई विकेट नहीं लिया। इसके अलावा उन्होंने टोनी डी जोरजी का महत्वपूर्ण कैच भी छोड़ दिया। उनके इस प्रदर्शन ने मध्य ओवर्स में टीम को भारी नुकसान पहुँचाया।

3. प्रसिद्ध कृष्णा

तेज गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभालने वाले प्रसिद्ध कृष्णा इस मैच में बिल्कुल फेल रहे। उन्होंने 8.2 ओवर में 85 रन लुटाए और भारतीय गेंदबाजी की रीढ़ तोड़ दी। डेथ ओवर्स में उनकी लाइन और लेंथ दोनों असफल रहीं, जिससे साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों ने आसानी से रन बनाए और टीम दबाव बनाने में असमर्थ रही।

4. कुलदीप यादव

स्पिन विभाग के लिए कुलदीप यादव भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने 10 ओवर में 78 रन दिए और विकेट लेने में नाकाम रहे। उनका एक कैच ड्रॉप भी टीम के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। स्पिन विभाग से पर्याप्त समर्थन न मिलने के कारण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने आसानी से पार्टनरशिप बनाई और मैच को अपने पक्ष में किया।

5. रोहित शर्मा

टीम इंडिया की योजना के लिए रोहित शर्मा की भूमिका अहम थी, लेकिन वह केवल 14 रन बनाकर आउट हो गए। पिच आसान थी और उनसे बड़ी पारी की उम्मीद थी। उनके जल्दी आउट होने से मध्यक्रम पर प्रेशर बन गया और टीम का स्कोर बड़े लक्ष्य के लिए पर्याप्त नियंत्रण नहीं रख सका।