भारत-पाक सीरीज पर बोले गांगुली, अख्तर ने बाबर को अवार्ड नहीं मिलने पर जताई नाराजगी, गावस्कर ने कहा...

हाल ही में भारत और पाकिस्तान टी20 विश्व कप के ग्रुप मैच में भिड़े थे। हालांकि इस मुकाबले में भारत को 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसने टीवी पर व्यूअरशिप के मामले में नया रिकॉर्ड बना लिया। दोनों देश इससे पहले 2019 में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में भिड़े थे, जहां भारत ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को आसानी से मात दी थी। फैंस दोनों के बीच लगातार मुकाबले देखना चाहते हैं, लेकिन लंबे समय से ऐसा नहीं हो पा रहा है। इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा है कि भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय श्रृंखला की बहाली संबंधित सरकारों के हाथों में है, न कि क्रिकेट बोर्डों के।

गांगुली ने बीते शुक्रवार को 40वें शारजाह अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में एक सवाल के जवाब में सीरीज न होने के पीछे कूटनीतिक कारणों को वजह बताया। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकारों की अनुमति और सहमति की जरूरत है, न कि क्रिकेट बोर्डों की। उल्लेखनीय है कि आखिरी द्विपक्षीय सीरीज 2012 में खेली गई थी। तब भारत में तीन वनडे और दो टी20 मैच हुए थे। वनडे सीरीज पाकिस्तान ने 2-1 से जीती, जबकि टी20 सीरीज 1-1 से बराबर रही थी। इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के प्रमुख पूर्व सलामी बल्लेबाज रमीज राजा ने भी कहा था कि द्विपक्षीय श्रृंखला आयोजित करना असंभव है।


वार्नर के बजाय बाबर होने चाहिए थे प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट : अख्तर

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वे अपने यूट्यूब चैनल पर क्रिकेट से जुड़ी गतिविधियों और मुकाबलों का विश्लेषण करते हैं। 46 वर्षीय अख्तर ने रविवार को खत्म हुए टी20 विश्व कप में पाकिस्तानी कप्तान व दाएं हाथ के ओपनर बाबर आजम को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट नहीं चुने जाने पर नाराजगी जताई है। अख्तर ने ट्विटर पर ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के ओपनर डेविड वार्नर को अवार्ड दिए जाने पर सवाल उठाते हुए लिखा, “वास्तव में मैं बाबर आजम को मैन ऑफ द टूर्नामेंट बनते देखने के लिए काफी उत्सुक था। निश्चित रूप से एक अनुचित फैसला।”

उल्लेखनीय है कि बाबर को बल्लेबाजी और कप्तानी दोनों के लिए हर तरफ से सराहना मिली थी। उन्होंने 6 मैच में 303 रन बनाए और विश्व कप के टॉप स्कोरर रहे। बाबर ने विकेटकीपर ओपनर मोहम्मद रिजवान के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। पाकिस्तान ने सुपर 12 में अपने पांचों मैच धमाकेदार प्रदर्शन के साथ जीते थे। वे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी काफी मजबूत स्थिति में थे और उनकी जीत तय नजर आ रही थी। हालांकि 19वें ओवर में हसन अली के कैच टपकाने के बाद मैथ्यू वेड के तीन छक्कों के कारण मैच उनके हाथ से फिसल गया।


टॉस और ओस की भूमिका को लेकर ऐसा बोले गावस्कर

टी20 वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में जब सब कुछ टॉस से ही तय हुआ तो भारत के महान बल्लेबाज व कमेंटेटर सुनील गावस्कर ने भी सवाल खड़े किए हैं। फाइनल के बाद गावस्कर ने कहा कि कमेंट्री के दौरान बात हो रही थी कि आज ओस का असर नहीं था, इसलिए मुझे लगता है कि फाइनल में ओस की इतनी भूमिका नहीं थी, लेकिन मुझे लगता है कि पिछले मैचों में ऐसा था और संभवत: इस पर गौर करने की जरूरत है। लेकिन आप कह सकते हो कि अगर ग्रुप मैच उसी समय खेले गए तो फिर नॉकआउट के समय में बदलाव क्यों। लेकिन एक बार फिर मुझे लगता है कि इस पर आईसीसी क्रिकेट समिति को विचार करना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि दोनों टीमों को बराबरी का मौका मिले। पुराने सारे मैच में टॉस अहम साबित हुआ है।

गावस्कर से पहले रवि शास्त्री, भरत अरुण ने भी भारत के मैच के दौरान टॉस और पहले बल्लेबाजी के दौरान आ रही दिक्कतों की बात की थी। अगर टीम इंडिया के पांच मैच की बात करें तो उसने शुरुआती दो मैच गंवाए थे, दोनों ही जगह विराट कोहली टॉस हारे थे। सिर्फ अफगानिस्तान के खिलाफ एक ऐसा मैच था, जहां टीम इंडिया ने टॉस हारने के बाद भी मैच जीता। स्कॉटलैंड व नामीबिया के खिलाफ टॉस जीतकर भारत ने मैच जीते। वर्ल्ड कप के 45 मैच में से 30 उस टीम ने जीते हैं, जिसने टॉस जीता।