कप्तानी की पहली ही सीरीज में थक गए शुभमन गिल, बोले- मानसिक रूप से ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहा

भारतीय टेस्ट टीम के नव नियुक्त कप्तान शुभमन गिल को इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली ही श्रृंखला में कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पांच मैचों की इस सीरीज में अब तक तीनों टेस्ट बेहद करीबी रहे हैं और हर मुकाबला अंतिम दिन तक खिंचा है, जिससे खिलाड़ियों की मानसिक और शारीरिक क्षमता की परीक्षा भी हुई है। इस समय भारत श्रृंखला में 1-2 से पीछे है, लेकिन गिल ने कप्तानी के अनुभव को सकारात्मक तरीके से लिया है।

गिल ने मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि यह कप्तानी मानसिक रूप से काफी थकाने वाली रही है। उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो शारीरिक रूप से यह कम थकाऊ रहा है, लेकिन मानसिक रूप से ज्यादा थकाऊ रहा है। जब आप खिलाड़ी होते हैं तो आप सिर्फ अपनी भूमिका पर ध्यान देते हैं – आप बस यह सोचते हैं कि अगली गेंद कब आपके पास आएगी, आपको क्या करना है। लेकिन जब आप कप्तान होते हैं तो आपको हर खिलाड़ी और हर परिस्थिति पर नजर रखनी पड़ती है।

गिल ने माना कि कप्तान के रूप में उन्हें मैच के हर पहलू पर विचार करना होता है और यही चीज मानसिक रूप से उन्हें लगातार सक्रिय रखती है। उन्होंने कहा, कप्तान के तौर पर आपको न सिर्फ अपनी रणनीति पर बल्कि टीम के हर सदस्य की स्थिति और फैसलों पर भी ध्यान देना होता है। यही वजह है कि मानसिक रूप से यह जिम्मेदारी काफी भारी पड़ती है।

लॉर्ड्स टेस्ट में भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बीच मैदान पर तीखी बहसें भी देखने को मिलीं, जिससे श्रृंखला में प्रतिद्वंद्विता का स्तर और बढ़ गया है। गिल ने इस पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की, लेकिन इतना जरूर कहा कि यह सीरीज अब तक काफी प्रतिस्पर्धात्मक रही है और वह इसे पूरी तरह एन्जॉय कर रहे हैं।

हालांकि भारत श्रृंखला में फिलहाल पिछड़ रहा है, लेकिन गिल को उम्मीद है कि आगामी दो टेस्ट में टीम को बेहतर अवसर मिलेंगे और वह सीरीज में वापसी कर सकते हैं। कभी-कभी किस्मत का थोड़ा साथ भी जरूरी होता है, गिल ने मुस्कुराते हुए कहा।

शुभमन गिल की यह पहली कप्तानी भले ही अब तक उतार-चढ़ाव भरी रही हो, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह मानसिक तौर पर चुनौती को स्वीकार कर रहे हैं और अपनी भूमिका से पूरी तरह जुड़े हुए हैं। आगामी टेस्ट मैचों में उनके नेतृत्व में टीम इंडिया कैसी वापसी करती है, यह देखना दिलचस्प होगा।