पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने जसप्रीत बुमराह की तारीफ की है और कहा कि अब इंग्लैंड कभी भी इस गेंदबाज को गुस्सा नहीं दिलाएगा। जहीर ने कहा कि बुमराह अगर गुस्सा होने के बाद भी खुद को संभालकर रख सकते हैं और इस तरह का प्रदर्शन कर सकते हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें कभी-कभार विरोधी टीम द्वारा ऐसे तंग किया जाना चाहिए।
देखिए पहली पारी में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था और एक विश्व स्तरीय गेंदबाज होने के नाते इस बात से उनको परेशानी हुई होगी। इन सबके बाद जब एंडरसन वाला पूरा किस्सा हुआ और जिस तरह से उनको बल्लेबाजी करने के दौरान बाउंसर किए गए, उससे उन्हें प्रेरणा मिला और उन्होंने गुस्से का इस्तेमाल बिल्कुल सही तरीके से किया। इंग्लैंड सोच रहा होगा कि हमें बुमराह को बाउंसर करने देना चाहिए और उनसे पंगा बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।
मौसम ने फेरा अश्विन की उम्मीदों पर पानी!
इंग्लैंड के खिलाफ
सीरीज शुरू होने से पहले हर कोई मान रहा था कि दुनिया के नंबर दो टेस्ट
गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन भारतीय टीम का हिस्सा होंगे। हालांकि उन्हें
शुरुआती दोनों टेस्ट में नहीं खिलाया गया। इस पर फैंस हैरान थे और पूर्व
क्रिकेटर्स ने भारतीय टीम प्रबंधन को जमकर निशाने पर लिया। अब खुद अश्विन
ने इस बारे में बताया है। अश्विन ने कहा कि मेरा लॉर्ड्स में खेलना लगभग तय
था और मुझे टीम मैनेजमेंट की ओर से कहा भी गया था कि मैं खेल सकता हूं,
लेकिन फिर लंदन के मौसम ने मेरी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
इस
कारण टीम 4 पेसरों के साथ उतरी और आखिरकार वह फैसला भी सही साबित हुआ। मैच
के दौरान तेज गर्मी की भविष्यवाणी की गई थी। मजेदार बात यह है कि मैच से
पहले कह रहे थे, लू चल रही है, आप तैयार रहना। आप खेल सकते हो। जब हम
नाश्ते के लिए आए तो बारिश हो रही थी। मौसम हमारे हाथ में नहीं है।
मुरलीधरन को सचिन के बजाय इन दो बल्लेबाजों से लगता था डर
श्रीलंका
के दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन को सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करने
में डर नहीं लगता था क्योंकि वे उन्हें वीरेंद्र सहवाग या ब्रायन लारा जैसा
नुकसान नहीं पहुंचाते थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने
वाले मुरलीधरन ने कहा कि मौजूदा बल्लेबाजों में भारत के विराट कोहली और
पाकिस्तान के बाबर आजम उनका बेहतर सामना कर सकते थे।
मुरलीधरन ने
आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत में कहा कि सचिन के लिए गेंदबाजी करने में डर
नहीं लगता था क्योंकि वे आपको बहुत नुकसान नहीं पहुंचाते थे। वे सहवाग के
विपरीत थे जो आपको आहत कर सकता है। सचिन अपना विकेट बचाए रखते थे। वे गेंद
को अच्छी तरह से समझते थे और तकनीक जानते थे। हालांकि वे लेग स्पिन की
तुलना में ऑफ स्पिन पर थोड़े असहज थे। सहवाग बेहद खतरनाक थे। उनके लिए हम
बाउंड्री के पास फील्डर लगाकर रखते थे।