दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाना कोचिंग कार्यकाल का सबसे खराब समय: राहुल द्रविड़

भारत के पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट टीम के साथ अपने कोचिंग कार्यकाल के सबसे बुरे दौर को याद करते हुए कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाए। गौरतलब है कि द्रविड़ को नवंबर 2021 में भारत का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था और यह दक्षिण अफ्रीका दौरे से ठीक पहले हुआ था।

भारतीय टीम ने सेंचुरियन में पहला टेस्ट 113 रन से जीतकर दौरे की अच्छी शुरुआत की और दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली सीरीज जीतने की कगार पर थी। हालांकि, दक्षिण अफ्रीका ने आखिरी दो मैच जीतकर शानदार वापसी की और घरेलू मैदान पर भारत के खिलाफ अपना अजेय क्रम बरकरार रखा।

श्रृंखला को याद करते हुए द्रविड़ ने चूके अवसर पर अफसोस जताते हुए इसे सबसे निचला बिंदु बताया।

द्रविड़ ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, अगर आप मुझसे पूछें कि मेरा सबसे खराब पल कौन सा था, तो मैं कहूंगा कि मेरे करियर की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में हुई टेस्ट सीरीज। हमने दक्षिण अफ्रीका में सेंचुरियन में पहला टेस्ट मैच जीता था और फिर हम दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में खेल रहे थे। जैसा कि आप जानते हैं, हमने दक्षिण अफ्रीका में कभी कोई सीरीज नहीं जीती है। उस सीरीज को जीतना हमारे लिए वाकई एक बड़ा मौका था। हमारे कुछ सीनियर खिलाड़ी उस सीरीज में नहीं थे।

आगे बात करते हुए उन्होंने खुलासा किया कि टीम सीरीज के आखिरी दो टेस्ट जीतने के करीब थी और मैच को खत्म करने के लिए दक्षिण अफ्रीका को एक अच्छा लक्ष्य दे सकती थी।

उन्होंने कहा, रोहित शर्मा चोटिल थे और उस सीरीज में हमारे कुछ सीनियर खिलाड़ी नहीं थे। लेकिन हम बहुत करीब थे और दोनों टेस्ट मैचों- दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच- में तीसरी पारी में हमारे पास बड़ा मौका था। हम अच्छा स्कोर बना सकते थे और मैच जीत सकते थे, लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने अच्छा खेला। उन्होंने चौथी पारी में वापसी की। इसलिए मैं कहूंगा कि शायद यह मेरी कोचिंग का सबसे खराब समय था, जब हम आगे होने के बावजूद सीरीज नहीं जीत पाए।

गौरतलब है कि दूसरे टेस्ट में भारत विराट कोहली के बिना था, जिन पर धीमी गति के कारण एक मैच का प्रतिबंध लगा था। नतीजतन, केएल राहुल ने दूसरे टेस्ट में भारत की कप्तानी की। दक्षिण अफ्रीका ने 240 रनों का पीछा करते हुए मैच जीता और बाद में अंतिम टेस्ट में 212 रनों का पीछा करते हुए 2-1 से सीरीज जीती। इस सीरीज के साथ ही कोहली की कप्तानी का कार्यकाल भी खत्म हो गया क्योंकि उन्होंने दौरे के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।