वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुँचे नीरज चोपड़ा, पेरिस ओलंपिक के लिए किया क्वालीफाई

नई दिल्ली। भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने मेन्स जैवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में जगह बना ली है। नीरज ने पहली ही कोशिश में 88.77 मीटर की दूरी तक भाला फेंका। स्वीडन के बुडापेस्ट में आयोजित हो रहे वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला 27 अगस्त को आयोजित होगा। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में नीरज के साथ-साथ भारत के डीपी मनु भी जैवलिन थ्रो इवेंट में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने पहले प्रयास में 78.1 मीटर की दूरी तक भाला फेंका। वहीं दूसरे प्रयास में 81.31 मीटर की दूरी तक भाला फेंका।

भारत के स्टार जेवलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2023 में 88.77 मीटर थ्रो करने के साथ ही पेरिस ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर लिया है। साथ ही उन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के फाइनल में भी अपनी जगह पक्की कर ली है। पेरिस ओलिंपिक की शुरुआत 26 जुलाई 2024 से होगी।

नीरज ने क्वालिफाइंग राउंड के अपने पहले प्रयास में ही 88.77 मीटर थ्रो किया, जो उनका सीजन का बेस्ट भी है। ओलिंपिक, एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने के अलावा 25 साल के नीरज चोपड़ा डायमंड लीग चैंपियन भी हैं। हालांकि अब तक किसी भारतीय खिलाड़ी ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में गोल्ड नहीं जीता है।

वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में सिल्वर जीत चुके हैं नीरज

नीरज चोपड़ा ने पिछले साल ओरेगॉन में हुए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2022 में सिल्वर मेडल जीता था। इसी के साथ मेडल के लिए भारत के 19 साल के लंबे इंतजार को समाप्त कर दिया था।

मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन एंडरसन पीटर्स भी ले रहे हिस्सा


चैम्पियनशिप में नीरज के आलावा मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन एंडरसन पीटर्स, लंदन 2012 ओलिंपिक चैम्पियन त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट, जर्मनी के वर्ल्ड नंबर 2 जूलियन वेबर और पाकिस्तान के अरशद नदीम शामिल हैं।

चैम्पियनशिप में भारत के नाम केवल दो मेडल

भारत ने अब तक केवल दो पदक जीते वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की शुरुआत 1983 से हुई। भारतीय एथलीटों ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अब तक केवल दो पदक जीते हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज पेरिस 2003 में महिलाओं की लॉन्ग जंप में कांस्य पदक के साथ वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनीं थीं।