भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में पांच मैच की सीरीज का दूसरा टेस्ट खेला जा रहा है। भारत ने पहली पारी में 364 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड टेस्ट के तीसरे दिन शनिवार को 391 रन पर आउट हो गया। पहले टेस्ट में कहर बरपाने वाले दाएं हाथ के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इस बार बेबस नजर आए। वे पहली पारी में एक भी विकेट नहीं निकाल पाए, जबकि उन्होंने 79 रन लुटा दिए। खास बात ये है कि बुमराह ने 13 नो बॉल फेंकी। टेस्ट क्रिकेट में नो बॉल को बहुत बड़ी गलती माना जाता है। बुमराह का पैर लगातार क्रीज से आगे पड़ रहा था।
बुमराह ने 126वें ओवर के दौरान 4 नो बॉल फेंकी और उनका ये ओवर काफी लंबा चला। बुमराह ने चौथी गेंद, 5वी गेंद और दो बार छठी गेंद नो बॉल फेंकी। ये ओवर करीब 15 मिनट तक चला। हालांकि इसके पीछे जेम्स एंडरसन का कनकशन भी बड़ी वजह रहा। बुमराह की पहली गेंद एंडरसन के हेलमेट पर लगी जिसके बाद प्रोटोकॉल के तहत उनकी जांच की गई। सोशल मीडिया पर फैंस ने बुमराह की खूब खिंचाई की।
बल्लेबाज को शटअप करा विकेट का जश्न मनाते हैं सिराज
इंग्लैंड
में दाएं हाथ के भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का विकेट लेने के बाद
जश्न मनाने का तरीका चर्चाओं में है। विकेट लेने के बाद वे अपने मुंह पर
उंगली रखकर बल्लेबाज को शटअप का इशारा करते हैं। वे उसे चुप रहने को कहते
हैं यानी बोलती बंद कर देते हैं। नॉटिंघम टेस्ट में सिराज ने जब जॉनी
बेयरस्टॉ को आउट कर ऐसे जश्न मनाया तो इन दिनों कमेंटेटर की भूमिका निभा
रहे भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक को यह रास नहीं आया।
उन्होंने
इसकी आलोचना की। अब सिराज ने इस पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि ये
सेलिब्रेशन उन नफरतदानों और आलोचकों के लिए है जो ये मानते और समझते हैं कि
मैं ये नहीं कर सकता, मैं वो नहीं कर सकता। मेरे सेलिब्रेशन का बल्लेबाज
या किसी विरोधी खिलाड़ी से कोई लेना-देना नहीं है।
गावसकर ने इसलिए की न्यूट्रल अंपायर्स की सिफारिश
महान
भारतीय बल्लेबाज व कमेंटेटर सुनील गावसकर ने अंपायरिंग के स्तर की तारीफ
की, लेकिन कहा कि वे न्यूट्रल अंपायर्स को देखना पसंद करेंगे। आईसीसी ने
1994 में टेस्ट में एक न्यूट्रल अंपायर, जबकि 2002 में दोनों मैदानी
अंपायर्स का न्यूट्रल होना अनिवार्य कर दिया था। कोविड-19 की वैश्विक
महामारी के दौरान ट्रैवल बैन को देखते हुए आईसीसी ने अस्थायी रूप से विश्व
टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) में घरेलू अंपायरों के इस्तेमाल की इजाजत
दी थी।
गावसकर ने लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन के खेल के दौरान कहा
कि मैं अब भी न्यूट्रल अंपायर्स को देखना चाहूंगा क्योंकि जब आप 2-3 डीआरएस
गंवा देते है तो कोई ऐसा फैसला हो सकता है जिससे मैच का रुख पलट जाए।
पक्षपात के आरोप से बचने के लिए आपके पास न्यूट्रल अंपायर होने चाहिए।
मौजूदा सीरीज और ऑस्ट्रेलिया में अंपायरिंग की क्वालिटी शानदार रही है।
हालांकि हमारे दिनों के बारे में मैं इसके बारे ज्यादा बात नहीं कर सकता।