भारत के स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत का विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने का सपना टूट गया। श्रीकांत को रविवार को स्पेन में खेले गए फाइनल सिंगापुर के लोह कीन येव ने सीधे गेम में 21-15, 22-20 से हरा दिया। दोनों के बीच यह मुकाबला 43 मिनट तक चला। पहला गेम गंवाने के बाद श्रीकांत ने दूसरे गेम में पूरी ताकत झोंक दी। हालांकि काफी अच्छा खेल दिखाने के बावजूद वे कड़े संघर्ष में हार गए। फिर भी श्रीकांत ने इतिहास रच दिया। वे वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। साल 1983 में प्रकाश पादुकोण का कांस्य भारत का पहला पदक था।
इसके बाद साल 2019 में बी साई प्रणीत ने और इस बार लक्ष्य सेन ने ब्रोंज मैडल अपने नाम किया। लक्ष्य एक दिन पहले सेमीफाइनल में श्रीकांत के हाथों हार गए थे। 28 वर्षीय श्रीकांत ने 69 मिनट तक चले मैच में लक्ष्य को 17-21, 21-14, 21-17 से मात दी थी। दूसरे सेमीफाइनल में येव ने तीसरी सीड डेनमार्क के आंद्रेस एंटोसेन को 23-21, 21-14 से शिकस्त दी। महिला वर्ग में एक बार फिर विश्व नंबर एक ताइवान की ताई त्जू खिताब से चूक गईं। उन्हें जापानी दिग्गज अकाने यामागुची ने 21-14, 21-11 से हराकर दूसरी बार खिताब जीत लिया।
एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है भारतीय हॉकी टीम
गत
चैंपियन भारत ने रविवार को ढाका में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी (एसीटी) पुरुष
हॉकी टूर्नामेंट के राउंड रॉबिन मैच में जापान को 6-0 से रौंद दिया। मौलाना
भसानी हॉकी स्टेडियम में मनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम की ओर से
हरमनप्रीत सिंह (10वें और 53वें मिनट) ने दो गोल दागे जबकि दिलप्रीत सिंह
(23वें), जरमनप्रीत सिंह (34वें), सुमित (46वें) और शमशेर सिंह (54वें) ने
एक-एक गोल किया। भारत ने एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता जापानी टीम के
खिलाफ तगड़ा खेल दिखाया। भारत पहले ही सेमीफाइनल में पहुंच चुका है।
पांच
देशों के टूर्नामेंट के राउंड रॉबिन चरण के अंत में भारत 10 अंक लेकर टॉप
पोजिशन पर बना हुआ है। कोरिया (6) दूसरे, जापान (5) तीसरे, पाकिस्तान (2)
चौथे और मेजबान बांग्लादेश (0) पांचवें स्थान पर हैं। यह भारत की लगातार
तीसरी जीत है। कोरिया ने शुरुआती मैच में भारत को ड्रा पर रोक दिया था।
भारत ने बांग्लादेश को 9-0 से और फिर पाकिस्तान को 3-1 से हराया था। अभी यह
तय नहीं हुआ ही कि भारत सेमीफाइनल में किससे भिड़ेगा। भारत ने इसी साल
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था।