भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 8 विकेट से जीता पहला टेस्ट मैच

मुम्बई। भारतीय महिला और ऑस्ट्रेलिया महिला टीम के बीच एकमात्र टेस्ट मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया। चौथे दिन भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी को 261 रन पर समेट दिया। इस तरह भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज जीत के लिए दूसरी पारी में सिर्फ 75 रनों का आसान सा टार्गेट मिला। टीम इंडिया ने इस लक्ष्य को 2 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। इस तरह से भारत ने कंगारुओं के खिलाफ 8 विकेट से एतिहासिक जीत दर्ज की है।

ऑस्ट्रेलिया के 75 रनों के लक्ष्य का मैच के चौथे और आखिरी दिन पीछा करने उतरी भारतीय महिला टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। भारत ने महज 4 रन के स्कोर पर ही अपना पहला विकेट शैफाली वर्मा के रूप में गंवा दिया। शैफाली (4) को किम गर्थ ने अपने पहले ही ओवर में अपना शिकार बनाया। इसके बाद भारत का दूसरा विकेट 55 के स्कोर पर रिचा घोष (13) के रूप में गिरा। स्मृति मंधाना 38 और जेमिमा रोड्रिग्ज 12 रन बनाकर नाबाद रहीं।

ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने रखा 75 रनों का लक्ष्य

चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के दौरान पूजा वस्त्राकर ने एशले गार्डनर (7) को आउट कर भारत की झोली में पहली सफलता डाली। इसके बाद स्नेह राणा ने दो गेंद पर दो विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया पर शिकंजा कसा। आखिरी दो विकेट राजेश्वरी गायकवाड़ ने लिए।

इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने सिर्फ 75 रन का आसान सा लक्ष्य रखा। इससे पहले तीसरे दिन के अंत तक ऑस्ट्रेलिया टीम ने दूसरी पारी में 5 विकेट के नुकसान पर 233 रन बनाते हुए 46 रनों की बढ़त बनाई थी। क्रीज पर एनाबेल सदरलैंड (12) एशले गार्डनर (7) थीं। तीसरे दिन भारत के लिए स्नेह राणा और हरमनप्रीत कौर ने 2-2 विकेट लिए।

पहली पारी में भारत की ओर से लगे चार अर्धशतक

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली पारी में सिर्फ 219 रनों पर ही ढेर हो गई। इसके बाद भारत ने पहली पारी में स्मृति मंधाना के 74, ऋचा घोष के 52, जेमिमा रोड्रिग्स के 73 और दिप्ती शर्मा के 78 रनों की बदौलत 406 रन बनाए और भारत ने पहली पारी के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 187 रनों की बढ़त हासिल की।

गुलाबराय रामचंद की अगुवाई में भारत ने 1959 में ऑस्ट्रेलिया को पहली बार टेस्ट क्रिकेट में हराया था। जसुभाई पटेल की शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत यह इतिहास रचने में कामयाब रहा था। इंडिया ने कंगारुओं को उस मैच में 119 रनों से शिकस्त दी थी। जसुभाई पटेल ने इस दौरान कुल 14 विकेट चटकाए थे और वह भारत की जीत के हीरो बने थे।

वुमेंस क्रिकेट में यह भूमिका स्पिनर स्नेह राणा ने निभाई। इस ऑफ स्पिनर ने पहली पारी में तीन तो दूसरी पारी में चार विकेट लेकर कुल 7 शिकार किए। स्नेह राणा को इस शानदार परफॉर्मेंस के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया।