गत चैंपियन भारत की जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में चुनौती खत्म हो गई है। उसे शुक्रवार को भुवनेश्वर में खेल गए सेमीफाइनल में 6 बार के चैंपियन जर्मनी ने 4-2 से हरा दिया। जर्मनी ने पहले दो क्वार्टर में ही 4-1 की बढ़त हासिल कर ली और उसके बाद मेजबान टीम को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। फाइनल में जर्मनी का सामना अर्जेंटीना से होगा, जिसने दूसरे सेमीफाइनल में फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 3-1 से मात दी। भारतीय टीम तीसरे स्थान के लिए फ्रांस से भिड़ेगी। ग्रुप मैच में भारत को फ्रांस के खिलाफ 4-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
बहरहाल सेमीफाइनल पर नजर डालें तो 15वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर एरिक क्लाइलाइन ने जर्मनी का खाता खोल दिया। दूसरे क्वार्टर में जमकर गोल बरसे और दोनों टीमों ने खूब आक्रमण किए। जर्मनी ने तीन और भारत ने एक गोल किया। जर्मनी ने 21वें मिनट में फिलिप होल्जमुलर के गोल की मदद से स्कोर 2-0 कर दिया। हॉन्ज मूलर ने 24वें मिनट में एक और गोल दाग दिया। भारत की ओर से 25वें मिनट में उत्तम सिंह ने गोल किया। इसी मिनट में जर्मनी ने काउंटर अटैक किया और पेनल्टी स्ट्रोक पर क्रिस्टोफर कटर ने कोई चूक नहीं की। आखिरी क्वार्टर के आखिरी मिनट में बाबी सिंह धामी ने भारत के लिए सांत्वना गोल दागा।
सिंधु को चोकुवांग ने तीन गेम में दी मात
भारतीय स्टार
बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु शुक्रवार को बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल
टूर्नामेंट में अपना आखिरी ग्रुप स्टेज मैच हार गईं। हालांकि इसके बावजूद
वे सेमीफाइनल खेलेंगी, क्योंकि उन्होंने इससे पहले दोनों मैच जीते हैं।
सिंधु को थाईलैंड की पोर्नपावी चोकुवांग से तीन गेम में 12-21, 21-19,
14-21 से हार का सामना करना पड़ा। चोकुवांग ने लगातार तीसरी जीत के साथ
ग्रुप की टॉप खिलाड़ी के तौर पर सेमीफाइनल में जगह बनाई। मौजूदा विश्व
विजेता सिंधु ने इससे पहले ग्रुप में डेनमार्क की लिन क्रस्टिोफरसन को
21-14, 21-16 और जर्मनी की यवोन ली को 21-10, 21-13 से हराया था।
इस
बीच भारत के युवा खिलाड़ी लक्ष्य सेन को अपने आखिरी मैच में डेनमार्क के
रास्मस गेमके से वॉकओवर मिल गया। लक्ष्य पहले ही सेमीफाइनल में पहुंच चुके
थे। लक्ष्य हालांकि ग्रुप में नंबर एक रहे टॉप खिलाड़ी डेनमार्क के विक्टर
एक्सेलसन से हार गए थे। एक अन्य भारतीय पुरुष शटलर किदाम्बी श्रीकांत को
आखिरी ग्रुप मैच में नंबर दो सीड मलेशिया के ली जी जिया से 19-21, 14-21 से
हार का सामना करना पड़ा।