भारत के दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने 23 साल के लंबे करियर के बाद शुक्रवार (24 दिसंबर) को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को अलविदा कह दिया। हरभजन ने 1998 में भारत के लिए डेब्यू किया था। हरभजन ने कई उपलब्धियां हासिल कीं। हरभजन ने 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28टी20 मैच खेले हैं। टेस्ट में उन्होंने 417, एकदिवसीय में 269, टी20 में 25 और 163 आईपीएल मैच में 150 विकेट लिए। उन्होंने मार्च 2016 में भारत के लिए अपना आखिरी मैच टी20 क्रिकेट में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के खिलाफ खेला था। हरभजन ने आईपीएल में मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेला है।
हरभजन टेस्ट क्रिकेट में 400 से ज्यादा विकेट लेने वाले केवल चौथे भारतीय गेंदबाज हैं। भज्जी टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय भी हैं। हरभजन ने अपने यूट्यूब चैनल पर दिल की बातें कहीं। पेश है उसी के कुछ मुख्य अंश। 41 वर्षीय भज्जी बोले पिछले एक साल से मैं यह घोषणा करना चाहता था। मानसिक रूप से मैं पहले ही रिजाइन कर चुका हूं। इस साल आईपीएल-14 में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ मेरी प्रतिबद्धता थी। मैं भी भारतीय जर्सी पहनकर अलविदा कहना चाहता था लेकिन नियति की कुछ और ही योजना थी। टर्बनेटर को याद आई हैट्रिक और वह टेस्ट सीरीज
टर्बनेटर के
नाम से मशहूर हरभजन ने आगे कहा कि मेरे गुरुजी संत हरचरण सिंह जी ने मेरे
जीवन को दिशा दी। पिता सरदार सरदार सिंह प्लाहा और मां अवतार कौर प्लाहा ने
मेरे लिए बहुत संघर्ष किया है। भगवान जानते हैं मेरी बहनों ने मेरे लिए
कितनी दुआएं की हैं। मेरी बीवी गीता से मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि
तुम्हारा प्यार मुझे पूरा करता है। हिनाया हीर और जोवन वीर - तुम दोनों
मेरी जिंदगी हो। मेरी खुशी का पहला क्षण तब था जब मैंने कोलकाता में
हैट्रिक ली और टेस्ट क्रिकेट में ऐसा करने वाला पहला भारतीय बन गया। उस
सीरीज के दौरान मैंने तीन मैच में 32 विकेट लिए थे और यह अब भी एक रिकॉर्ड
है। 2007 टी20 विश्व कप और निश्चित रूप से 2011 वनडे विश्व कप जीत मेरे लिए
सबसे महत्वपूर्ण थी। भज्जी ने फैंस के साथ सभी बीसीसीआई और पंजाब क्रिकेट
एसोसिएशन के अधिकारियों को थैंक्स बोला।