साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला टीम इंडिया के लिए बेहद निराशाजनक रही। कोलकाता में पहला टेस्ट तीसरे ही दिन 30 रनों से गंवाने के बाद उम्मीद थी कि टीम गुवाहाटी में वापसी करेगी, लेकिन दूसरे मुकाबले में भारत को 408 रनों के भारी अंतर से हार मिली। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में भारत की सबसे बड़ी रन-अंतर की हार रही। 25 सालों के लंबे अंतराल के बाद साउथ अफ्रीका ने भारतीय सरज़मीं पर टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास दोहरा दिया। इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद हेड कोच गौतम गंभीर ने आगे आते हुए टीम की हार की जिम्मेदारी स्वीकार की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने टीम के प्रदर्शन की कमियों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “हमें इससे कहीं बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था। 95/1 से 122/7 तक फिसलना स्वीकार्य नहीं है। किसी एक खिलाड़ी या किसी एक शॉट पर दोष डालना आसान है, लेकिन सच यह है कि ज़िम्मेदारी पूरी टीम की है—और सबसे पहले मेरी।” गंभीर ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह आज तक किसी एक खिलाड़ी को हार का कारण ठहराने की मानसिकता नहीं रखते और आगे भी ऐसा नहीं करेंगे।
टीम इंडिया ने इस वर्ष आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट अपने नाम किए हैं। इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज बराबरी पर खत्म कराकर टीम ने अच्छा प्रदर्शन दिखाया था। इसके बावजूद गंभीर के कार्यकाल को लेकर उठ रहे सवाल एक बार फिर चर्चा में हैं।
कोच ने अपने भविष्य पर बोलते हुए कहा,“मेरे कार्यकाल पर क्या फैसला होगा, यह बीसीसीआई तय करेगी। लेकिन मैं वही कोच हूं जिसके निर्देशन में टीम ने इंग्लैंड में बेहतरीन प्रदर्शन किया, चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीता।”
विराट कोहली, रोहित शर्मा और आर. अश्विन जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के टेस्ट प्रारूप से संन्यास के बाद भारतीय टीम एक नए दौर से गुजर रही है। इस संदर्भ में गंभीर ने कहा, “मैं ट्रांजिशन शब्द पसंद नहीं करता, लेकिन सच यही है कि हम बदलाव के चरण में हैं। युवा खिलाड़ी सीख रहे हैं, उन्हें मौके और समय दोनों देने होंगे। मैं बहाने बनाकर इस स्थिति से भागने नहीं आया हूं।”
गुवाहाटी टेस्ट में भारत के सामने 549 रनों का विशाल लक्ष्य था। पांचवें दिन टीम मात्र 63.3 ओवर में 140 रन बनाकर ढेर हो गई। गंभीर के मार्गदर्शन में भारत अपने घर में न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के हाथों कुल पाँच टेस्ट हार चुका है। पिछले 66 वर्षों में ऐसा पहली बार है जब भारतीय टीम सात महीनों के भीतर पाँच टेस्ट मैचों में पराजित हुई है।
यह तीसरा मौका भी है जब किसी टीम ने भारतीय टीम को उसकी ही जमीन पर क्लीन स्वीप किया हो। इससे पहले 2000 में दक्षिण अफ्रीका ने 2-0 से और पिछले वर्ष न्यूजीलैंड ने 3-0 से टीम इंडिया को धूल चटाई थी। इस करारी हार ने भारत की आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को भी झटका दे दिया है।