इंग्लैंड ने डेनमार्क को हराकर यूरो कप फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर लिया। अब वह रविवार को खिताब के लिए इटली से भिड़ेगा, जिसने पहले सेमीफाइनल में स्पेन को शिकस्त दी थी। भारतीय समयानुसार गुरुवार देर रात वेम्बले स्टेडियम में खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए मेजबान इंग्लैंड ने 2-1 से जीत दर्ज की। कप्तान हैरी केन जीत के हीरो रहे, जिन्होंने 104वें मिनट में पेनल्टी किक बचा लिए जाने के बाद रिबाउंड शॉट पर विजयी गोल दागा।
इंग्लैंड के पास 1966 के बाद आया है मौका
1966 के विश्व कप
के बाद इंग्लैंड का यह पहला मेजर फाइनल है। तब इंग्लैंड विश्व चैंपियन बना
था। इंग्लैंड फुटबॉल के दीवानों में अग्रणी देशों में आता है। यहां कई लीग
खेली जाती है, जिसमें विदेशी खिलाड़ी भी जलवे बिखेरते हैं। पिछले 55 साल में
इंग्लैंड विश्व या यूरो कप में चार बार सेमीफाइनल हार चुका है। उनमें से
तीन 1990, 1996, 2018 तो उसने पेनल्टी शूटआउट में गंवाए थे।
वर्ष 1992 के विजेता डेनमार्क को भारी पड़ा आत्मघाती गोल
साल
1992 में यूरो कप चैंपियन बन चुकी डेनमार्क की टीम ने इस मैच में कुछ खास
शुरुआत नहीं की। पहले हाफ के शुरुआती 20 मिनटों तक इंग्लैंड का ही दबदबा
रहा। इंग्लैंड ने कई बार बड़े मौके बनाए। हालांकि 30वें मिनट में डेनमार्क
को एक फ्री-किक मिली जिसे उन्होंने गोल में तब्दील कर दिया। फ्री-किक पर
मिकेल डैम्सगार्ड ने बेहतरीन किक जड़ी और टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी।
नौ
मिनट बाद डेनमार्क के कार्यवाहक कप्तान सिमोन क्येर ने अपने ही गोल में
गेंद डाल दी। इस आत्मघाती गोल के बाद स्कोर 1-1 हो गया। दूसरे हाफ में एक
भी गोल नहीं हुआ। इसके बाद मुकाबला 30 मिनट के अतिरिक्त समय (15-15 मिनट के
दो हाफ) में चला गया। पहले हाफ में इंग्लैंड को पेनल्टी किक मिली और हैरी
केन ने गोलकीपर श्माइकल के बेहतरीन सेव के बावजूद रिबाउंड पर गोल दाग टीम
की जीत तय कर दी।