सेंचुरियन टेस्ट : पहले दिन राहुल के शतक से भारत मजबूत, राहुल-मयंक की जोड़ी ने हासिल की यह उपलब्धि

सेंचुरियन के सुपर स्पोर्ट पार्क में रविवार (26 दिसंबर) को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन मैच की सीरीज का पहला टेस्ट शुरू हुआ। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। टीम इंडिया ने पहले दिन बढ़िया बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए स्टंप्स के समय तक 90 ओवर में तीन विकेट पर 272 रन बना लिए थे। दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल 122 रन और अजिंक्य रहाणे 40 रन पर नाबाद हैं। राहुल ने 248 गेंद पर 17 चौके व एक छक्का लगाया है। रहाणे की 81 गेंद की पारी में आठ चौके शुमार हैं। दोनों चौथे विकेट के लिए 73 रन की साझेदारी कर चुके हैं।

दूसरे ओपनर दाएं हाथ के बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने अर्धशतक जमाया। मयंक ने 123 गेंद पर नौ चौकों की मदद से 60 रन की पारी खेली। कोहली ने 94 गेंद पर चार चौकों के सहारे 35 रन जुटाए। चेतेश्वर पुजारा बदकिस्मत रहे और खाता खोले बगैर पहली ही गेंद पर आउट होकर पैवेलियन लौट गए। मेजबान टीम को तीनों सफलताएं दाएं हाथ के तेज गेंदबाज लुंगी एनजिडी ने दिलाई। कागिसो रबाडा, वियान मुल्डन, मार्को जेनसन व केशव महाराज खाली हाथ रहे।


राहुल और मयंक ने पहले विकेट के लिए जोड़े 117 रन

मयंक अग्रवाल और लोकेश राहुल की ओपनिंग जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 117 रन की साझेदारी की। दक्षिण अफ्रीका में यह भारतीय ओपनर्स द्वारा की गई तीसरी शतकीय साझेदारी है। इससे पहले 2010 में गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग ने सेंचुरियन में ही 137 तथा 2007 में वसीम जाफर और दिनेश कार्तिक ने केपटाउन में 153 रन जोड़े थे। ओवरऑल अफ्रीका में भारत के लिए किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी 222 रन की रही है। मोहम्मद अजहरुद्दीन और सचिन तेंदुलकर ने 1997 में केपटाउन में छठे विकेट के लिए यह साझेदारी निभाई थी। विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा ने भी 2013 में जोहानसबर्ग में तीसरे विकेट के लिए 222 रन बटोरे थे।

इस साल यह 7वीं बार है जब भारतीय ओपनर्स ने टेस्ट में एशिया से बाहर 20 से ज्यादा ओवर तक बल्लेबाजी की है। खास बात ये है कि 2011 से 2020 तक एक बार भी ऐसा नहीं हो सका था। इस बीच, कप्तान विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा बार टॉस जीतने के रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया। यह टेस्ट क्रिकेट में 30वां मौका है जब उन्होंने टॉस जीता है, जिसमें से 23 बार टीम को जीत मिली है। इससे पहले यह रिकॉर्ड मोहम्मद अजहरुद्दीन (29 बार) के नाम था।