48 साल पहले विश्व कप में बिशन सिंह बेदी ने बनाया था यह रिकॉर्ड, आज तक कोई नहीं तोड़ पाया

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बाएं हाथ के देश के महानतम स्पिनर बिशन सिंह बेदी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार 23 अक्टूबर 2023 को निधन हो गया। वह 77 साल के थे। बिशन सिंह बेदी का जन्म 1946 में अमृतसर में हुआ था। उन्होंने भारत के लिए 67 टेस्ट खेले और 266 विकेट लिए। उन्होंने पारी में 14 बार पांच विकेट और मैच में एक बार 10 विकेट चटकाने का कारनामा किया।

यही नहीं, बिशन सिंह बेदी के नाम विश्व कप में एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज है, जिसे आज तक कोई गेंदबाज नहीं तोड़ पाया। सिर्फ वेस्टइंडीज के फिल सिमंस बराबरी ही कर पाए। बिशन सिंह बेदी ने यह रिकॉर्ड 1975 विश्व कप में बनाया था। वह रिकॉर्ड है एकदिवसीय मैच की एक पारी में सबसे ज्यादा मेडन ओवर फेंकने का। बिशन सिंह बेदी ने 11 जून 1975 को इंग्लैंड के लीड्स में ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ बनाया था।

1975 विश्व कप के एक मैच में 12 में से 8 ओवर मेडन फेंके थे


बिशन सिंह ने उस मैच में 12 ओवर में 8 मेडन ओवर फेंके थे। उन्होंने सिर्फ 6 रन दिए थे और एक विकेट भी लिया था। फिल सिमंस ने 17 दिसंबर 1992 को सिडनी में पाकिस्तान के खिलाफ मैच में 10 में से 8 ओवर मेडन फेंके थे। उस मैच में सिमंस ने 10 ओवर में सिर्फ 3 रन दिए थे और 4 विकेट भी झटके थे।

बिशन सिंह बेदी ने उसी विश्व कप में 14 जून 1975 को न्यूजीलैंड के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए 12 में से 6 ओवर में मेडन फेंके थे। उनका यह रिकॉर्ड इस सूची में पांचवें नंबर पर आज भी दर्ज है। उस मैच में उन्होंने 28 रन देकर एक विकेट भी चटकाया था। हालांकि, न्यूजीलैंड ने वह मैच 4 विकेट से जीत लिया था।

यही नहीं, बिशन सिंह बेदी सबसे ज्यादा स्टम्पिंग कराकर विकेट लेने के मामले में भी दुनिया में 9वें नंबर पर हैं। उनके नाम एक पारी में सबसे खराब स्ट्राइक रेट से गेंदबाजी करने का भी अनचाहा रिकॉर्ड है। इस सूची में भी वह 9वें नंबर पर हैं।

फैब-4 स्पिनर्स का हिस्सा थे बेदी

बिशन सिंह भारतीय क्रिकेट के स्पिनर्स की उस स्वर्णिम चौकड़ी का हिस्सा थे जिसमें उनके अलावा इरापल्ली प्रसन्ना, भागवत चंद्रशेखर और श्रीनिवास वेंकटराघवन शामिल थे। बिशन सिंह बेदी 1966 और 1978 के बीच एक दशक से अधिक समय तक भारत की गेंदबाजी इकाई का प्रमुख हिस्सा रहे।

बिशन सिंह बेदी 1990 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दौरे के दौरान कुछ समय के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे। वह राष्ट्रीय चयनकर्ता होने के साथ मनिंदर सिंह और मुरली कार्तिक जैसे कई प्रतिभाशाली स्पिनर्स के गुरु भी थे।