भारत ने सोमवार 9 सितंबर को हुलुनबुइर (चीन) के मोकी ट्रेनिंग बेस पर जापान को 5-1 से रौंदकर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में अपनी लगातार दूसरी जीत दर्ज की। चीन के खिलाफ खेल की तरह, रेफरी द्वारा सीटी बजाते ही सुखजीत सिंह ने गोल करके भारत का खाता खोला।
जापानी डिफेंस को राहत मिलने से पहले ही अभिषेक के रूप में भारत ने फिर से हमला किया। अभिषेक ने जापानी हाफ में घुसकर उनके डिफेंस को ध्वस्त करते हुए एक और फील्ड गोल किया। कुछ ही सेकंड के अंतराल में लगातार दो गोलों ने जापानी टीम को पीछे हटने और पूरी तरह से अपने डिफेंस को तोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने पर मजबूर कर दिया।
जापान ने पहले हाफ में भारत को गोल करने के अधिक अवसर न देने का अच्छा काम किया, जबकि भारतीय टीम ने गेंद पर कब्ज़ा जमाया हुआ था। दूसरे क्वार्टर की शुरुआत भी इसी तरह हुई और जापान के पास ज़्यादा खुश होने के लिए कुछ नहीं था क्योंकि भारतीय फ़ॉरवर्ड ने एक्सीलेटर दबा दिया था।
दूसरे क्वार्टर में भारत को 3-0 की बढ़त बनाने में मुश्किल से दो मिनट लगे। तीसरा गोल संजय ने किया, जो टूर्नामेंट में उनका पहला गोल था। खास बात यह है कि कप्तान हरमनप्रीत सिंह, जो आमतौर पर भारत के लिए पेनल्टी कॉर्नर लेते हैं, ने संजय को मौका दिया और युवा खिलाड़ी ने इसका फायदा उठाया।
तीसरे क्वार्टर में खेल का रुख बदल गया, जब जापान ने वापसी की और फील्ड गोल करके भारत को चौंका दिया। काजुमासा मात्सुमोतो ने विपक्षी टीम की रक्षापंक्ति को भेदते हुए गोल पोस्ट से कुछ मीटर की दूरी पर एक शक्तिशाली शॉट मारा और भारतीय डिफेंडर की स्टिक से डिफ्लेक्शन ने भारतीय गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक को धोखा दे दिया।
चौथे क्वार्टर में जापानी टीम ने भारत को कुछ हद तक पीछे धकेला, लेकिन उत्तम सिंह ने जरमनप्रीत सिंह के एक बेहतरीन पास को गोल में बदलकर अपनी टीम को तीन गोल की बढ़त (4-1) दिला दी। सुखजीत ने आखिरी मिनट में मैच का अपना दूसरा गोल करके जापान को चौंका दिया और भारत को 5-1 से मुकाबला जीतने में मदद की।
एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत की टीम: गोलकीपर: कृष्ण बहादुर पाठक, सूरज करकेरा
डिफेंडर: जरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, हरमनप्रीत सिंह (सी), जुगराज सिंह, संजय, सुमित
मिडफील्डर: राज कुमार पाल, नीलकंठ शर्मा, विवेक सागर प्रसाद (वीसी) , मनप्रीत सिंह, मोहम्मद राहील मौसीन
फॉरवर्ड: अभिषेक, सुखजीत सिंह, अरजीत सिंह हुंदल, उत्तम सिंह, गुरजोत सिंह