यहाँ आज भी राधा संग रास रचाते है कृष्ण, जो भी देखता है हो जाता है पागल - राधाजी के लिए रंगमहल में सज़ती है सेज़

निधि वन के अंदर ही है ‘रंग महल’ जिसके बारे में मान्यता है की रोज़ रात यहाँ पर राधा और कन्हैया आते है। रंग महल में राधा और कन्हैया के लिए रखे गए चंदन की पलंग को शाम के पहले सजा दिया जाता है। राधाजी के श्रृंगार के सामान के साथ पलंग के बगल में एक लोटा पानी, और दातुन संग पान रख दिया जाता है। सुबह जब ‘रंग महल’ का पट खुलता है तो बिस्तर अस्त-व्यस्त, लोटे का पानी खाली, दातुन कुची हुई और पान खाया हुआ मिलता है। रंगमहल में भक्त केवल श्रृंगार का सामान ही चढ़ाते है और प्रसाद स्वरुप उन्हें भी श्रृंगार का सामान मिलता है।
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