यहाँ आज भी राधा संग रास रचाते है कृष्ण, जो भी देखता है हो जाता है पागल - वन के आसपास बने मकानों में नहीं हैं खिड़कियां

वन के आसपास बने मकानों में खिड़कियां नहीं हैं। यहां के निवासी बताते हैं कि शाम सात बजे के बाद कोई इस वन की तरफ नहीं देखता। जिन लोगों ने देखने का प्रयास किया या तो अंधे हो गए या फिर उनके ऊपर दैवी आपदा आ गई। जिन मकानों में खिड़कियां हैं भी, उनके घर के लोग शाम सात बजे मंदिर की आरती का घंटा बजते ही बंद कर लेते हैं। कुछ लोग तो अपनी खिड़कियों को ईंटों से बंद भी करा दिया है।
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