महाभारत के इन पत्रों से मिलती है ये सीख - 1. श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता

श्रीकृष्ण और सुदामा की दोस्ती बहुत प्रचलित है| सुदामा एक गरीब ब्राह्मण थे और श्रीकृष्ण द्वारका के राजा किन्तु फिर भी श्रीकृष्ण ने कभी अमीर- गरीब का भेद नहीं किया| सांदीपन मुनि के आश्रम में दोनों ने एक साथ शिक्षा ग्रहण की थी| इनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि जब सुदामा श्रीकृष्ण से मिलने द्वारका आए तब श्रीकृष्ण ने राजा होते हुए भी अपने मित्र के पैर अपने हाथों से धोए थे और उनकी गरीबी को देखते हुए अपना सारा राज पाठ सुदामा को दे दिया| जब श्रीकृष्ण और सुदामा सांदीपन मुनि के आश्रम में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे तब आचार्य ने उन्हें जंगल से लकड़ी काट के लाने को कहा और भोजन स्वरुप मुट्ठी भर चने दिए तब भी श्रीकृष्ण ने अपनी शक्ति से सुदामा के लिए और चनों का प्रभंद किया| 
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