जानिए रत्न धारण करने का महत्व

प्राचीन काल में स्त्री, हाथी दॉत, घोड़ा, सोना, चॉदी आदि की गणना भी रत्नों में की जाती थी। किन्तु वर्तमान काल में धातुओं तथा प्राणियों को अलग करके केवल बहुमूल्य पत्थरों को ही रत्न की श्रेणी में रखा गया है। रत्न मुख्यतः खनिज पदार्थ है। भूगर्भ में होने वाली विभिन्न प्रकार की रासायनिक क्रियाओं से धातुओं के संयोग से रत्नों का निर्माण होता है। विश्व के अनेक देशों में अनेक प्रकार के रत्नों की खानें पायी जाती है। वहॉ की खादानों से प्राप्त करके रत्नों का संस्कार किया जाता है तत्तपश्चात उसे बाजार में बिक्री हेतु उतारा जाता है।अब आइये जानते है किस व्यक्ति को कौन सा रत्न पहनना चाहिए...
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