अब Zomato का बदलेगा नाम! जानें क्या है CEO दीपिंदर गोयल का प्लान

ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) के लिए अच्छी खबर है। कम्पनी का घाटा 2022 की पहली तिमाही (Q1) में कम हुआ है। अब कंपनी अपने नेतृत्व के स्ट्रक्चर समेत कई चीजों में बदलाव करने के प्लान पर काम कर रही है। खबर है कि जल्द की जोमैटो का मैनजमेंट एक पैरेंट कंपनी बना सकता है। जोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) ने कहा है कि वो एक ऐसी कंपनी बनाने के प्लान पर काम कर रहे है, जहां हर बिजनेस को चलाने के लिए कई सीईओ होंगे। सभी एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे। दीपिंदर गोयल पैरेंट कंपनी को री-ब्रांड करते हुए उसका नाम 'इटरनल' (Eternal) रख सकते हैं। हालांकि, आधिकारिक रूप से कंपनी की ओर से इसको लेकर किसी भी तरह का बयान अभी तक जारी नहीं किया गया है।

बता दे, हाल ही में जोमैटो ने ब्लिंकिट (Blinkit) के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। कंपनी अब अपने हर बिजनेस को चलाने के लिए अलग-अलग सीईओ रखने की योजना बना रही है। फिलहाल जोमैटो के पास कुल चार ब्रांड मौजूद हैं। इस वजह से मैनजमेंट एक पैरेंट कंपनी बनाकर सभी को ऑपेरट करने का प्लान बना रहा है।

जल्द हो सकता है ऐलान

जोमैटो, ब्लिंकिट, हाइपरप्योर, फीडिंग इंडिया फिलहाल कंपनी के पास ये चार ब्रांड हैं। अब जोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल इन सभी कंपनियों को एक पैरैंट कंपनी के तहत लाकर ऑपरेट करना चाहते हैं।

गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप के सीईओ ने बताया कि 'इटरनल' अभी के लिए एक इंटरनल नाम रहेगा। जोमैटो का नाम नहीं बदलेगा। खबरों की मानें तो कंपनी ने इस नाम का इस्तेमाल अपन कंपनी के दफ्तरों के भीतर करना शुरू कर दिया है। जल्द ही ये सभी के सामने आ जाएगा।

कंपनी का घाटा हुआ कम

अप्रैल-जून 2022 तिमाही में जोमैटो का कंसॉलिडेटेड घाटा घटकर 185.7 करोड़ रुपये रहा है। पिछले साल की पहली तिमाही के दौरान ये आंकड़ा 356.2 करोड़ रुपये रहा था। जून 2022 से पहले की तिमाही में जोमैटो को 359.7 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 1,413.9 करोड़ रुपये रहा है। पिछले समान अवधि के दौरान मुकाबले कंपनी के रेवेन्यू में 67.44% का इजाफा हुआ है। पिछले साल पहले क्वार्टर में जोमैटो का रेवेन्यू 844.4 करोड़ रुपये रहा था।