लापता होने के करीब 40 साल बाद मणिपुर के एक 66 वर्षीय व्यक्ति का अपने परिवार के साथ पुनर्मिलन होने वाला है इसका श्रेय जाता मुम्बई के फोटोग्राफर फिरोज शाकिर को। खोमदरम एक दिहाड़ी मजदूर हैं और इंफाल के रहने वाले हैं। खोमदान सिंह जब 1978 में इंफाल में अपने घर से चले गये थे तब वह 26 साल के थे। परिवार को पता नहीं चला कि 40 सालों तक वह कहां थे। अब उनके परिवार को उनके एक पड़ोसी ने पुराने गाने गा रहे भूरे बाल और दाढ़ी वाले एक व्यक्ति का वीडियो दिखाया।
ऐसा बताया जा रहा है कि खोमदरम मानसिक रुप से परेशान थे। यह भी बताया जा रहा है कि वो मणिपुर राइफल्स के एक जवान भी रह चुके हैं। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक मुंबई के एक फोटोग्राफर फिरोज को एक दिन ये अचानक सड़क पर गाना गाते मिले। फिरोज ने उनका वीडियो पिछले साल 17 अक्टूबर को यूट्यूब पर अपलोड कर दिया। यूट्यूब पर ब्राउजिंग करते हुए ये वीडियो अरुणाचल प्रदेश के एक प्रोफेसर ने देखा और खोमदरम को पहचान लिया।
सोशल मीडिया के जरिए किसी तरह वो वीडियो उनके परिवार तक पहुंचा। उनके परिवार के एक सदस्य का कहना है कि जब मैंने उनका वीडियो देखा तो मुझे मेरी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ, हमने तो उनके जिंदा होने की सारी उम्मीदें छोड़ दी थीं। उनके भाई से मिलवाने के लिए सभी ने पैसे इकट्ठे करवाए और फ्लाइट की टिकट कराई। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्होंने युवा सिंह का फोटो हमें भेजा। उसके आधार पर हमने बांद्रा रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति का पता लगाया और उसे थाने ले आए।’’ बांद्रा थाने के एक अधिकारी ने बताया कि सिंह के परिवार के सदस्यों को सूचना दी गयी और अब वे मुम्बई आ रहे हैं।