लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रही उप्र इन्वेस्टर्स समिट 2018 को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उप्र में पहली बार आयोजित हो रही इन्वेसटर्स समिट यहां निवेश के लिए इच्छुक उद्योगपतियों के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलने का काम करेगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले 11 महीनों में काफी काम किया है। उन्होंने कहा कि उप्र सरकार ने पिछले 11 महीने में कई नीतियां बनाई हैं जिससे उद्योगपतियों को निवेश लायक माहौल मिल सके। उन्होंने कहा कि अभी पिछले दिनों ही राज्य सरकार की तरफ से चार लाख 28 हजार करोड़ का बजट प्रस्तुत किया था।
उन्होंने कहा, "हमें यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने जितने का बजट पेश किया था ठीक उतने ही यानी चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।" योगी ने कहा कि इस समिट में 125 कंपनियों ने हिस्सा लिया है और अभी तक 1045 एमओयू साइन हुए हैं। सरकार निवेशकों से यह कहना चाहती है कि उप्र सरकार हर एमओयू के क्रियान्वयन के लिए काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने उप्र में निवेश के लिए उप्र निवेश प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया है। इसका काफी लाभ मिला है। उप्र के 10 शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में जगह मिली है। उप्र सरकार स्टार्ट अप को लेकर एक नई नीति बना चुकी है। इसमें आईआईटी कानपुर और बीएचयू को सहयोगी के तौर पर शामिल किया गया है। इससे उद्योगपतियों को काफी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि उप्र में अगले तीन वर्षो के भीतर 40 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा सके। हमारी सरकार वन डिस्ट्रक्ट वन प्रोडक्ट पर काम रही है। इसके तहत जिले के बेहतरीन उत्पादों की मार्केंटिंग की जा रही है।
योगी ने कहा कि सरकार बनने के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर काफी तेजी से काम हो रहा है।