कर्नाटक में राजनीतिक उठापटक के बीच बीएस येदुरप्पा के सीएम पद की शपथ लेने के विरोध में बीजेपी का दामन छोड़ चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा धरने पर बैठ गए हैं। सिन्हा ने राजधानी दिल्ली में राजपथ पर लोकतंत्र बचाओ, इंडिया बचाओ की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। यशवंत सिन्हा ने अपने धरने को लेकर ट्वीट किया, 'बीजेपी द्वारा कर्नाटक में असंवैधानिक तरीके से जो सरकार बनाई गई है उसके खिलाफ मैं राष्ट्रपति भवन के सामने धरने पर बैठा हूं आप सभी से अनुरोध है कि लोकतंत्र बचाने के लिए मेरे साथ आइए।'
कर्नाटक में आज जो हो रहा है वह एक अभ्यास है- यशवंत सिन्हा ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैंने उस पार्टी का साथ छोड़ दिया, जो कर्नाटक में लोकतंत्र को नष्ट करने का बेशर्मी भरा प्रयास कर रही है। यदि वह अगले साल लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने में विफल रहने पर भी ऐसा ही करेगी।
- सिन्हा यहीं नहीं रुके, कर्नाटक में हो रहे राजनीतिक घटनाक्रमों को उन्होंने लोकसभा चुनावों का अभ्यास करार दिया।
- पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'कर्नाटक में आज जो हो रहा है वह एक अभ्यास है, जिसे 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में दोहराया जाएगा।' आप मेरी चेतावनी को ध्यान रखिएगा। - यशवंत सिन्हा ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि कर्नाटक में आज जो कुछ भी हो रहा है क्या ये रिहर्सल है जो लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में देखने को मिलेगा।
कर्नाटक में बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने गुरुवार को सुबह नौ बजे राजभवन में येदियुरप्पा को सीएम पद शपथ दिलाई। 75 वर्षीय येदियुरप्पा ने बीजेपी के केंद्रीय और राज्य के नेताओं और नवनिर्वाचित विधायकों की मौजूदगी में शपथ ली। भाजपा के पास 104 विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के पास 78, जेडीएस के पास 38 और दो निर्दलीय विधायक हैं। जेडीएस को कांग्रेस का समर्थन है, ऐसे में राज्यपाल के भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाने और शपथ दिलाने को विपक्ष गलत कह रहा है।
अन्य पार्टियों का भी समर्थन मिलायशवंत सिन्हा के साथ बीजेपी और राज्यपाल के खिलाफ इस धरने में उन्हें अन्य पार्टियों का भी समर्थन मिला है। सिन्हा के साथ आम आदमी पार्टी , आरजेडी और समाजवादी पार्टी के नेता भी धरने पर बैठे हैं। सिन्हा ने कहा कि यह धरना उस समय तक जारी रहेगा जबतक कर्नाटक की जनता को न्याय नहीं मिल जाता। उन्होंने आगे कहा कि अब बीजेपी जहां कहीं भी अल्पमत में होगी, तो कहेगी उसे बहुमत मिल गया है। जहां सरकार बनाने के लिए 112 सीटें होनी चाहिए वहां 104 सीट का मतलब बहुमत नहीं होता है।
बीजेपी छोड़ चुके हैं सिन्हा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की तीखी आलोचना करने वाले सिन्हा ने पिछले बीजेपी को अलविदा कह दिया था। 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में देश के वित्त मंत्री रह चुके हैं। पिछले महीने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में सिन्हा ने बीजेपी से सभी तरह के संबंधों को खत्म करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने सक्रिय राजनीति से भी संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी।