जोधपुर : कंप्यूटर की गलती से फ्लाइट टिकट पर नाम छपा ‘मिस लास्ट नेम’, एयरपोर्ट से लौटाया तो जेट एयरवेज पर लगा जुर्माना

जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग में साल 2012 का एक मामला आया था जिसमें परिवादी ने मुंबई से भोपाल यात्रा के लिए मेक माई ट्रिप ट्रेवल एजेंसी से जेट एयरवेज का टिकट बुक करवाया था, लेकिन कंप्यूटर की गलती से टिकट में बेटी के नाम के बजाय ‘मिस लास्ट नेम’ अंकित हो गया। इसके लिए यात्रा नहीं करने दी गई। जिसपर संरक्षण आयोग द्वितीय ने फैसला सुनाते हुए यात्री को गलत टिकट जारी कर हवाई यात्रा से वंचित करने पर जेट एयरवेज पर पचास हजार रुपए का हर्जाना लगाया है।

शिकायत के दौरान जवाब में एयरलाइंस ने यात्रा के समय गलती सुधारकर बोर्डिंग पास जारी करने का आश्वासन दिया, लेकिन यात्रा तिथि को हवाई अड्डे पहुंचने के बावजूद उसे बोर्डिंग पास जारी नहीं कर यात्रा से वंचित कर दिया गया। जेट एयरवेज ने जवाब प्रस्तुत कर गलत टिकट जारी करने के लिए जहां ट्रेवल एजेंसी को जिम्मेदार बताया, वहीं ट्रेवल एजेंसी ने परिवादी द्वारा कंप्यूटर में गलत प्रविष्टि किए जाने से यह त्रुटि होना बतलाया गया।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्यामसुंदर लाटा, सदस्य डॉ। अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि यात्री का नाम अंकित किए बिना टिकट जारी करना ट्रेवल एजेंसी के कंप्यूटर सिस्टम में खराबी को साबित करता है व ट्रेवल एजेंट की लापरवाही के लिए एयरवेज जिम्मेदार मानी जाएगी। इसके अलावा परिवादी की बेटी द्वारा यात्रा के लिए हवाई अड्डे पहुंच कर इस टिकट व आवश्यक कागजात पेश करने के बावजूद उसे बोर्डिंग पास जारी नहीं करना एयरवेज के कर्मचारियों की मनमानी को साबित करता है।