लॉकडाउन के बाद से ही नहीं मिल रहा था काम, आर्थिक तंगी में मजदूर ने लगाई फांसी

कोरोना का कहर जहां सेहत पर पड़ा हैं वहीँ लोगों के काम पर भी पड़ा हैं। कई लोग बेरोजगार हो चुके है और अभी तक भी उनके पास कोई काम नहीं हैं। इसके चलते एक बड़ी आबादी को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा हैं। आगरा के एत्माद्दौला क्षेत्र में एक मजदूर ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर रविवार रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की मां ने पुलिस को बताया कि बेटा सात दिन से काम नहीं मिलने के कारण परेशान था। तनाव में आकर ही उसने यह कदम उठाया है। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

शाहदरा की बघेल बस्ती निवासी छोटेलाल मजदूरी करते हैं। वह काम की तलाश में राजस्थान के महोबा गए हैं। उनके चार बेटे हैं। इनमें दो दिल्ली में मजदूरी करते हैं। दो बेटे पत्नी मीरा के पास रह रहे थे। पिता और दो भाइयों के बाहर जाने के कारण परिवार की जिम्मेदारी बेटे कन्हैया पर आ गई थी।

कन्हैया भी रोजाना मजदूरी करके घर का खर्च चला रहा था। परिजनों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से काम नहीं मिल पा रहा है। किसी दिन काम होता है तो कई दिन खाली हाथ बैठना पड़ता है। रविवार रात को कन्हैया दस बजे घर आया। खाना खाने के बाद सो गया। सोमवार सुबह की सुबह छह बजे उसका शव कमरे में अंगोछे से बने फांसी के फंदे पर लटका हुआ था।

मां मीरा के कमरे में जाने पर घटना का पता चला। उनकी चीख निकल गई। घटना की जानकारी पर मोहल्ले के लोग और पुलिस आ गई। पुलिस ने शव का पंचनामा भरा। लेकिन परिजन शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे। इस पर शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

थाना एत्माद्दौला के प्रभारी निरीक्षक उदयवीर मलिक के मुताबिक, मृतक की मां मीरा ने बताया कि बेटा एक सप्ताह से काम की तलाश में जा रहा था। मगर, काम नहीं मिल रहा था। इस कारण परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। इससे कन्हैया तनाव में था। इस कारण ही आत्महत्या की है।