ये कैसा अंधा प्रेम, प्रेमी के साथ मिलकर की पति और बेटे की हत्या, 4 साल बाद मिली उम्रकैद की सजा

अक्सर देखा जाता हैं कि अंधे प्रेम में इंसान कुछ गैरकानूनी कदम भी उठा लेता हैं। ऐसी ही एक घटना हुई थी जनवरी 2016 में जहां उत्तरप्रदेश के शाहपुर के बशारतपुर निवासी अर्चना के पति डॉक्टर ओमप्रकाश व उनके बेटे की घर में ही हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने ओमप्रकाश की मां बागेश्वरी देवी की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज कर अर्चना व उसके प्रेमी फिरोजाबाद निवासी अजय यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस ने बताया था कि अर्चना की दोस्ती फेसबुक के जरिए अजय से हुई थी। जब अर्चना अपने लखनऊ स्थित मायके जाती थी तो दोनों वहां छिप छिपकर मिलते थे।

पति को शक होने के बाद घटना की रात अजय वहां पहुंचा। अर्चना ने दरवाजा खोला फिर अजय घर के अंदर दाखिल हुआ। दोनों ने मिलकर घर में सो रहे ओमप्रकाश की हथौड़े से मारकर हत्या कर दी। इस दौरान बेटा नितिन जग गया। वह मां की गोद में आ गया। लेकिन अर्चना ने उसका गला घोंटकर मार डाला। तभी से दोनों जेल में थे। इनकी जमानत भी नहीं हुई। साक्ष्य के आधार पर आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानप्रकाश शुक्ला ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी और आर्थिक जुर्माना भी लगाया था। जुर्माना नहीं भरने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भी दी गई है।

पछतावा नहीं, जेल में भी एक-दूसरे से मिलने की देते रहे अर्जी

इस घिनौने कृत्य के बाद भी अर्चना और अजय को कोई पछतावा नहीं था। दोनों ने जेल में भी एक-दूसरे से मुलाकात करने के लिए कई बार अर्जी दी, लेकिन कानूनन दोनों के बीच कोई रिश्ता न होने के कारण कभी अनुमति नहीं दी गई।

अंधे प्रेम में बन बैठे हत्यारे, एक-दूसरे के भी न हो सके

अर्चना और अजय जिस झूठे प्रेम में पड़कर कातिल तक बन गए, वह अब कभी पूरा नहीं हो पाएगा। वारदात के चार साल बाद तक जेल में होने के कारण दोनों की कभी मुलाकात नहीं हो सकी। वहीं अब बाकी बचा जीवन भी जेल में गुजरना है। कोई रिश्ता न होने के कारण दोनों को मिलने की इजाजत कानून भी नहीं देता है।