महिला ने अपनी ही दो मासूम बेटियों का रेंत डाला गला, पुलिस को बताई यह वजह

बच्चों के माता-पिता ही उनके रक्षक होते हैं जो जिंदगी का डटकर सामना कैसे किया जाए यह सिखाते हैं। लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो। ऐसा ही कुछ देखने को मिला हिसार के गांव खेदड़ में जहां एक मां ने ही अपनी दो मासूम बेटियों का गला रेंत डाला और उनकी जान ले ली। महिला का नाम चारयां हैं जिसने बाद में खुद का गला रेतकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था, लेकिन वह बच गई व वारदात के बाद चारयां का हिसार के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था। करीबन ढाई माह के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद से पुलिस लगातार चारयां से पूछताछ कर रही थी। पुलिस पूछताछ में चारयां ने कबूल किया है कि उसने ही चाकू से दोनों बच्चियों का गला रेता था।

सोमवार को पुलिस ने चारयां को अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने उसे जेल भेज दिया। बता दें कि गांव खेदड़ के पाबड़ा मार्ग पर बनी झुग्गियों में रह रहे एक परिवार की महिला चारयां ने 24 मई को सब्जी काटने वाले चाकू से अपनी दो मासूम बच्चियों तीन वर्षीय ममता व एक वर्षीय किरन का गला रेतकर हत्या कर दी थी। इसके पश्चात चारयां ने आत्महत्या करने का प्रयास किया था।

महिला का पति राजस्थान के जिला हनुमानगढ़ के गांव भिराण निवासी अहमद के बयान पर चारयां के खिलाफ धारा 302, 309 के तहत मामला दर्ज किया था। वहीं पुलिस के लिए मामला और अधिक पेचीदा हो गया था, क्योंकि अब तक पुलिस जहां चारयां के ठीक होने के बाद उसके बयान लेने का इंतजार कर रही थी। वहीं चारयां के पति अहमद की भी 23 जून को हिसार में सड़क हादसे में मौत हो गई थी लेकिन पुलिस चारयां से लगातार पूछताछ करती रही व आखिरकार चारयां ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया।

थाना प्रभारी कुलदीप सिंह ने बताया कि चारयां ने पुलिस को बताया है कि उसका पति उसे बेवजह परेशान करता था व अक्सर उसके साथ मारपीट करता था। वह स्वयं आत्महत्या करने की सोच रही थी। ऐसे में वह अपनी दोनों बच्चियों के भविष्य को लेकर चिंतित थी। अत: उसने बच्चियों को भी मौत के घाट उताकर स्वयं भी चाकू से गर्दन काटकर आत्महत्या करने का प्रयास किया।