वैक्‍सीनेशन में आएगी तेजी, देश के सुदूर इलाकों में कोरोना वैक्‍सीन पहुँचाने के लिए सरकार ने बनाया ये प्लान

देश में कोरोना के मामले अब लगातार कम हो रहे हैं। आंकड़ों की बात करे तो शनिवार को 80,487 नए मरीज मिले और 1 लाख 32 हजार 576 लोग ठीक भी हुए। हालाकि, इस दौरान 3,300 लोगों की मौत भी हुई है। इस बीच देश में बड़े स्‍तर पर वैक्‍सीनेशन का अभियान भी युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। इस टीकाकरण अभियान को सरकार अब दूरदराज के इलाकों तक आसानी से पहुंचाने की भी योजना पर काम रही है। इसके तहत अब सरकार देश के उन सुदूर इलाकों (जहां के रास्‍ते दुर्गम हैं या जहां पहुंचना कठिन है) में ड्रोन की मदद से कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की योजना बना रही है। आईआईटी कानपुर की ओर से किए गए शोध में ऐसा संभव कहा गया है।

मौजूदा समय में देश में सरकार के लिए कोरोना वैक्‍सीन खरीदने का काम सरकारी कंपनी एचएलएल लाइफकेयर करती है। इसकी सहायक कंपनी एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की ओर से देश के दुर्गम इलाकों में कोरोना वैक्‍सीन पहुंचाने के लिए 11 जून को निविदाएं आमंत्रित की हैं। अभी सिर्फ तेलंगाना ही ड्रोन के जरिये कोरोना वैक्‍सीन पहुंचाने के आइडिया पर काम कर रहा था।

दुर्गम इलाकों में कोरोना वैक्‍सीन पहुंचाने के लिए देखे जा रहे इन ड्रोन के बारे में ICMR भी पूरा अध्‍ययन कर चुका है। इसके अंतर्गत इस काम के लिए वो ड्रोन इस्‍तेमाल होंगे, जो 35 किमी तक जा सकें। साथ ही 100 मीटर की ऊंचाई तक उड़न भर सकें।

जानकारी के मुताबिक ये ड्रोन आसमान में सीधे उड़ान भरने और 4 किलोग्राम वजनी सामान ले जा सकने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही य‍े वैक्‍सीन को तय सेंटर पर पहुंचाकर वहां से वापस स्‍टेशन या केंद्र पर आने में भी सक्षम होंगे। ड्रोन की टेक ऑफ और लैंडिंग डीजीसीए (DGCA) की गाइडलाइंस पर आधारित होगी। इसमें पैराशूट आधारित डिलीवरी सिस्‍टम नहीं होगा।