विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद बुलाया जा सकता है संसद का शीतकालीन सत्र

नई दिल्ली। देश के राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद केन्द्र सरकार संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने का विचार कर रही है। यह सत्र दिसम्बर के दूसरे सप्ताह में शुरू होकर क्रिसमस (25 दिसंबर) से पहले खत्म हो सकता है। इस बात की जानकारी समाचार न्यूज एजेंसी PTI ने बुधवार (8 नवंबर) को सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।

सूत्रों ने बताया कि शीतकालीन सत्र तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के परिणाम यानी 3 दिसबंर के कुछ दिन बाद शुरू होने की संभावना है।

इन पर हो सकती है चर्चा

प्रमुख आपराधिक कानूनों के स्थान पर लाए गए तीन प्रमुख विधेयकों पर सत्र के दौरान विचार किए जाने की संभावना है। गृह मामलों की स्थायी समिति ने हाल ही में तीन विधेयकों पर अपनी रिपोर्ट को स्वीकारा है। संसद में लंबित एक अन्य प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा है।

मानसून सत्र में पेश किए गए इस विधेयक को सरकार ने विपक्ष और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों के विरोध के बीच संसद के विशेष सत्र में पारित करने पर जोर नहीं दिया।

सरकार इस विधेयक के माध्यम से मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के दर्जे को कैबिनेट सचिव के बराबर लाना चाहती है। वर्तमान में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बराबर का दर्जा प्राप्त है।

संसद का शीतकालीन सत्र आम तौर पर कब होता है?

संसद का शीतकालीन सत्र आम तौर पर नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होता है। ये क्रिसमस से पहले समाप्त हो जाता है, लेकिन इस बार अभी तक आधिकारिक तौर पर सत्र को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है।