जयपुर : 3.80 लाख से ज्यादा सरकारी टीचर्स की हुई मौज, 25 से 31 दिसंबर तक शीतकालीन अवकाश

कोरोनाकाल जारी हैं और अभी प्रदेश में स्कूलों को नहीं खोला गया हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चे जरूर नहीं जा रहे हैं लेकिन शिक्षकों को तो जाना ही पड़ता हैं। ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बने स्माइल प्रोजेक्ट के तहत टीचरों को बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल बुलाया जा रहा है। लेकिन अब सरकार ने आने वाले सात दिनों 25 से 31 दिसंबर को शीतकालीन अवकाश घोषित किया हैं जिसमें सरकारी टीचर्स को भी स्कूल नहीं जाना हैं। निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान ने स्कूलों के विंटर वैकेशन (शीतकालीन अवकाश) घोषित किए हैं। इस आदेश से पूरे प्रदेश में लगभग 3.80 लाख से ज्यादा टीचरों को राहत मिली हैं।

जब काम ही नहीं तो छुट्‌टी क्यों?

राज्य के तमाम सरकारी स्कूलों की बात करें तो यहां ऑनलाइन क्लास के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं हो रहा। टीचरों को एनसीआरटी से पहले ही तैयार की गई ऑनलाइन क्लास का लिंक मिलता है। जिसे टीचरों के मोबाइल पर वाट्सएप के जरिए भेजा जाता है।

टीचर इन वीडियो को स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पैरेंट्स के मोबाइल ग्रुप पर भेजते हैं। ऐसे में टीचर स्वयं पढ़ाने के बजाए केवल मोबाइल पर आए लिंक को पैरेंट्स तक भेजने का काम करते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब टीचरों के पास स्कूल में कोई काम ही नहीं है तो अवकाश क्यों?