पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर चुनाव आयोग का फैसला मानूंगा : अजित पवार

पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में नाम और चुनाव चिह्न को लेकर चल रहे विवाद को लेकर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बड़ा बयान सामने आया है। अजित पवार ने सोमवार को कहा कि वह राकांपा (NCP) के नाम और चुनाव चिह्न के संबंध में चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग ने एनसीपी के दोनों धड़ों (पवार गुट और अजित गुट) को 6 अक्टूबर को सुनवाई के लिए बुलाया है। पवार ने बताया कि शरद पवार गुट और अजित गुट के नेता आमने-सामने बैठेंगे, और जो फैसला लिया जाएगा, वह स्वीकार होगा।

दोनों गुटों ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया है और पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की है। पवार पुणे में भगवान गणेश के विभिन्न पंडालों के दौरे से इतर बात कर रहे थे। अजित पवार जुलाई में एनसीपी के आठ विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए थे।

NCP के दोनों गुट, पार्टी के नाम और चिन्ह पर दावा जताने के मुद्दे पर चुनाव आयोग 6 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई की तैयारी कर रहे हैं। शरद पवार के नेतृत्व वाला NCP गुट भी सोमवार को इसी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा।

मुझे CM नहीं बनना, मैं सिर्फ विकास के बारे में सोचता हूं- पवार

जब उनसे महाराष्ट्र स्पीकर द्वारा (शिवसेना के) 16 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने और मुख्यमंत्री को बदलने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इन सभी रिपोर्टों का कोई मतलब नहीं है। अजीत पवार ने कहा, “ऐसी खबरें उस दिन से चल रही हैं जब से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने हैं। ये सभी खबरें निरर्थक हैं।”

इससे पहले 22 सितंबर को एनसीपी के अजित पवार गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को एक याचिका सौंपी थी, जिसमें पार्टी के संस्थापक शरद पवार से जुड़े 10 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी। अनिल भाईदास पाटिल ने कहा कि याचिका में जिन 10 विधायकों के नाम हैं, उनमें – जयंत पाटिल, जीतेंद्र अव्हाड, राजेश टोपे, रोहित पवार, अनिल देशमुख, प्राजक्त तनपुरे, बालासाहेब पाटिल, सुनील भुसारा, संदीप क्षीरसागर और सुमन पाटिल।

वहीं शरद पवार गुट ने पहले ही अजित पवार के साथ जाने वाले विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं, जिसमें नवाब मलिक और सुमन पाटिल जैसे विधायक तटस्थ रुख बनाए हुए हैं।

अजित पवार ने ज्यादातर विधायकों के समर्थन का किया दावा

अजित ने अपने चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित एनसीपी के अधिकांश विधायकों के समर्थन का दावा किया था। उन्होंने चुनाव आयोग में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया है। शरद पवार गुट ने अजीत पवार गुट के कदम को चुनाव निकाय में चुनौती दी थी। जिसके बाद से फैसला अभी लंबित है।

शरद पवार गुट द्वारा उनके समूह में शामिल होने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में पूछे जाने पर अजीत पवार ने कहा कि वे अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इन सब विषयों पर चुनाव आयोग का फैसला ही अंतिम होगा और वो मुझे मान्य होगा। दोनों गुट चुनाव आयोग के पास गए हैं और हर कोई दी गई तारीखों पर अपना पक्ष रखेगा। जहां तक मेरा सवाल है, मैं चुनाव आयोग के अंतिम निर्णय को स्वीकार करूंगा।”

महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण पर कहा- सरकार से बात करेंगे


राज्य में मुस्लिम आरक्षण पर अजित पवार ने कहा कि पहले जब आरक्षण दिया गया था तो कोर्ट ने एजुकेशन में रिजर्वेशन की परमिशन दी थी, लेकिन रोजगार में नहीं। यह तीन पार्टियों की सरकार है। इसलिए मैं इस मुद्दे को CM और डिप्टी CM के सामने रखूंगा और इसका समाधान निकालने का प्रयास करूंगा।