कोरोना मरीजों पर Ivermectin के इस्तेमाल पर WHO ने जारी की चेतावनी, एक दिन पहले ही गोवा सरकार ने दी थी मंजूरी

गोवा सरकार ने कोविड संक्रमण रोकने के लिए सोमवार को वयस्कों पर Ivermectin के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि कोरोना संक्रमितों को 5 दिन तक 12mg आइवरमेक्टीन दी जाएगी। ब्रिटेन, इटली, स्पेन और जापान में मरीजों पर इस दवा के इस्तेमाल से रिकवरी का समय घटा है, मौतों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि ये कोविड इन्फेक्शन से रक्षा नहीं करती है, पर इस बीमारी की गंभीरता को कम करती है। इसका इस्तेमाल करने वाले सुरक्षा के झूठे भ्रम में न आएं, वो सभी गाइडलाइंस का पालन करें। वहीं, मंगलवार को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए आइवरमेक्टीन के इस्तेमाल पर चेतावनी जारी की है।

स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि किसी नए लक्षण के लिए किसी दवा के इस्तेमाल के दौरान सुरक्षा और उसका प्रभाव बेहद महत्वपूर्ण होता है। WHO ने कहा कि वह क्लिनिकल ट्रायल के अलावा आइवरमेक्टीन के जनरल इस्तेमाल के खिलाफ है।

WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने मंगलवार को आइवरमेक्टीन के इस्तेमाल को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में कहा, 'किसी भी नई बीमारी के लिए इस्तेमाल हो रही दवाइयों की सुरक्षा और प्रभावकारिता जरूरी होती है। WHO क्लीनिकल ट्रायल के इतर कोविड के इलाज में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल के खिलाफ है।' इससे पहले मार्च में WHO ने कहा था कि इस दवा से मौतें कम होने या अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ने के सबूत मिलने की संभावना काफी कम है।

जर्मन कंपनी ने भी जारी दी थी चेतावनी

WHO से पहले जर्मन हेल्थकेयर और लाइफ साइंस कंपनी मर्क ने भी इस दवा को लेकर चेतावनी दी थी। मर्क ने कहा था- हमारे वैज्ञानिक आइवरमेक्टीन के प्रभाव के सभी तथ्यों और स्टडीज की जांच पड़ताल कर रहे हैं। अब तक इस दवा के कोरोना पर प्रभाव पड़ने के कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिले हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि ज्यादातर स्टडीज में सेफ्टी डाटा की कमी है।

यह दूसरी बार है जब WHO ने आइवरमेक्टिन ने पिछले दो महीनों में इसके इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी है। मार्च में संगठन ने कहा था कि 'इसकी बहुत कम निश्चितता है कि इस दवा से बीमारी से मौत या फिर अस्पतालों में भर्ती होने की दर में कमी आती हो। कोविड-19 के इलाज में इसके एक्शन को लेकर हमें बहुत भरोसेमंद सबूत नहीं मिला है।'

दवा की एक ही मात्रा सभी लोगों को नहीं देनी चाहिए

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गोवा के डॉ विनायक बुवाजी का कहना है कि इस वैक्सीन का इस्तेमाल 5 दिन के कम पीरियड के लिए नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आइवरमेक्टीन को शुरुआत में पहले, तीसरे और सातवें दिन देना चाहिए। इसके बाद इसे हफ्ते में एक बार तब तक देना चाहिए, जब तक महामारी कंट्रोल में नहीं आ जाती है। केवल 5 दिन टैबलेट देना असरदार नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि इस दवा की एक ही मात्रा सभी लोगों को नहीं देनी चाहिए। 60 साल से कम उम्र के लोगों को 12mg और 60 से ऊपर के लोगों को 18mg डोज देनी चाहिए। हम गोवा के स्वास्थ्य विभाग को इसमें बदलाव करने के लिए पत्र लिखेंगे।

कोरोना मरीजों पर कितनी कारगर


आइवरमेक्टीन एक एंटी-पैरास्टिक दवा है। इसे भारत में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने मंजूरी दे रखी है। इसका इस्तेमाल संक्रमण में किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर्स की सलाह जरूरी होती है।

एक स्टडी में पाया गया है कि आइवरमेक्टीन किसी भी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण फैलने से बचा सकती है। अमेरिका में भी इस पर स्टडी पब्लिश हुई थी। कई स्टडी सामने आने के बाद साइंटिस्ट ने दवा और कोरोना संक्रमण के कनेक्शन पर रिसर्च की। अब तक करीब 2500 लोगों पर इसका ट्रायल किया जा चुका है।