नोटबंदी या विमुद्रीकरण क्या होता है जाने

नोटबंदी एक प्रक्रिया हैं जिसमे मुद्रा का क़ानूनी दर्जा निकाला जाता है, और ये सिक्कों के लिए भी लागू होता है| पुराने नोटों या सिक्कों के बदले नये नोट या सिक्के बाज़ार मे लाएं जाते हैं| जैसे 500 के नये नोट आये| और कभी कभी बिलकुल नये नोट जैसे 2000 के नोट भी शुरू किए जातें हैं| नोट बंदी के बाद पुराने नोटों की कुछ कीमत नहीं रहती, आपके पुराने नोट बदलवा देने के लिए निर्धारित वक्त दिया जाता हैं. यह नोट्स बैंकों से बदलवाए जा सकते हैं|

नोटबंदी क्यों की जाती हैं? क्या है नोटबंदी का इतिहास ?

भ्रष्टाचार, कालाधन, नकली नोट्स (फेक करंसी), महंगाई या आतंकवादी गतिविधीयोंपे नियंत्रण के लिए विमुद्रीकरण का उपयोग किया जा सकता हैं| भ्रष्टाचारी लोग अपना काला धन कॅश के रूप में छुपाके रखतें हैं, ताकि वह उसपे लगने वाला कर बचा सके| यहीं काला धन आतंकवादी कारणों के लिए इस्तेमाल किया जाता है| भारत पहला देश नहीं है जहाँ पे नोटबंदी हुई है, जब यूरोप यूनियन बना उन्होंने यूरो नामक नयीं करेंसी लायी, तब सब पुराने नोट्स बैंक्स में जमा करवाए थे|

भारत में पहले भी सिक्कोंकी और करेंसी की नोटबंदी कहीं बार हुई पर पर वह इतनी प्रसिद्धि में नहीं थी| आज कल हम छोटे सिक्के जैसे 5, 10, 20 पैसे का इस्तेमाल नहीं करते, उन्हें भी बंद कर दिया गया था| पर 500 और 1000 की नोटबंदी एक अलग कहानी हे| भारतीय अर्थव्यवस्थामें इन दो करेंसी ने ८६% भाग काबिज किया था, यह नोट्स बाजार में सबसे ज्यादा चलन में थे, और इसीलिए इसका इतना बड़ा बवाल और परिणाम हुआ|