शपथ लेने के बाद ममता बनर्जी को मिली हिदायत, राज्यपाल धनखड़ ने कही ये बात

तृणमूल कांग्रेस (TMC) की प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार सुबह 10:50 बजे तीसरी बार बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने बुधवार को राजभवन में ममता बनर्जी को शपथ दिलाई। कोविड-19 महामारी के चलते शपथ ग्रहण समारोह बेहद सादगी भरा रहा। ममता के मंत्री 6 मई यानी कल शपथ ले सकते हैं। ममता के साथ अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे। हालाकि, शपथ ग्रहण में चौंकाने वाली बात रही, राज्यपाल की हिदायत और उस पर बंगाल की सीएम का रिएक्शन। शपथग्रहण के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता को हिदायत दे दी। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में जारी हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए। राज्यपाल की हिदायत के बाद ममता ने कहा कि अभी राज्य की व्यवस्था चुनाव आयोग के पास थी, अब मैं नई व्यवस्था शुरू करूंगी।

शपथ लेने के बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'अभी प्राथमिकता कोविड के खिलाफ लड़ाई को जीतना है। उन्होंने कहा मैं राज्यपाल और सभी लोगों का शुक्रिया अदा करती हूं। उन्होंने बंगाल में चल रही हिंसा को लेकर कहा कि बंगाली जनता हिंसा पसंद नहीं करती है। राज्य में किसी भी तरह का लॉ एंड ऑर्डर का उल्लंघन सहन नहीं किया जाएगा, कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मैं आज से ही राज्य की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल लूंगी। हिंसा फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।'

सीएम ने कहा- 'बंगाल ने इससे पहले भी अनेक चुनाव देखे हैं। मेरी पहली प्राथमिकता कोविड को कंट्रोल करना है। 12:30 कोविड मीटिंग बुलायी है। 3 बजे फिर प्रेस कांफ्रेंस कर आगे की जानकारी दी जाएगी। सभी शांति बनाए रखें। बंगाल अशांति पसंद नहीं करता है, मैं भी पसंद नहीं करती हूं। कोई हिंसा नहीं हो ये मेरी दूसरी प्राथमिकता है। यदि कोई अशांति करता है, तो हम कदम उठाने में पीछे नहीं हटेंगे। तीन महीने तक मेरे पास सेटअप नहीं था। मैं अपील करती हूं कि कोई प्रतिहिंसा नहीं करें।'

राज्यपाल जगदीश धनखड़ ने भी कहा- उम्मीद है ममता बनर्जी संविधान का पालन करेंगी। हम चाहते हैं कि राज्य में कानून-व्यवस्था का राज हो और ये हिंसा तुरंत बंद होनी चाहिए।

बुधवार को राजभवन में हुए शपथ ग्रहण सामारोह में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, निवर्तमान सदन के नेता प्रतिपक्ष अब्दुल मन्नान और माकपा के वरिष्ठ नेता बिमान बोस भी मौजूद रहे। मिली जानकारी के मुताबिक ममता के शपथ ग्रहण में BCCI प्रेसिडेंट सौरभ गांगुली और बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष के अलावा प्रशांत किशोर, पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, वाम मोर्चा से विमान बोस को भी बुलाया गया था।

लेफ्ट ने पूरे 34 साल किया राज

बंगाल ने 1950 से लगातार 17 सालों तक कांग्रेस को सत्ता सौंपी, लेकिन जब राज्य को सियासी उठापटक का सामना करना पड़ा तो 1977 में उसने वामदलों को चुन लिया। इसके बाद बंगाल ने लेफ्ट को एक या दो नहीं, पूरे 7 विधानसभा चुनाव जिताए। लेफ्ट ने CPM की अगुआई में भारी बहुमत के साथ पूरे 34 साल राज किया। लेफ्ट का दौर खत्म हुआ तो ममता की तृणमूल को सत्ता मिली और वे पिछले दस साल से आरामदायक बहुमत के साथ बंगाल पर राज कर रही हैं। इस बार फिर वे भारी बहुमत के साथ लौटी हैं।