पश्चिम बंगाल: बलात्कार विरोधी विधेयक का नाम होगा 'अपराजिता', पारित करने के लिए बुलाया विशेष सत्र

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषियों को मौत की सज़ा देने का प्रस्ताव करने वाले विधेयक को पारित करने के लिए सोमवार (2 सितंबर) को एक विशेष सत्र बुलाया है। इंडिया टीवी को मिले दस्तावेज़ों के अनुसार, इस विधेयक का नाम 'अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक 2024' होगा।

राज्य सरकार का प्रस्तावित विधेयक ऐसे समय में आया है जब 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में बलात्कारियों को मृत्युदंड देने के लिए यह विधेयक पेश होने जा रहा है। इस पर कल कितनी देर तक चर्चा होगी, यह तय करने के लिए आज बीए (बिजनेस एडवाइजरी) समिति की बैठक होगी। सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस विधेयक का समर्थन कर सकती है।

पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने 28 अगस्त को बलात्कार को रोकने और ऐसे अपराधों के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक नया विधेयक पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राज्य के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने पहले कहा, प्रस्तावित विधेयक 3 सितंबर को विधानसभा में पेश किया जाएगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार बलात्कार की घटनाओं के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगी। उन्होंने कहा कि बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड सुनिश्चित करने के लिए राज्य विधानसभा में मौजूदा कानूनों में संशोधन पारित किया जाएगा।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहले से ही दो समानांतर जांच कर रही है- पहली बलात्कार और हत्या मामले पर और दूसरी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं पर। सीबीआई वर्तमान में मामले की जांच कर रही है, और अपराध के सिलसिले में कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया है।