मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि शिवसेना नेता रवींद्र वायकर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने से रोका जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने मुंबई उत्तर पश्चिम सीट पर 48 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की है।
मुंबई में वनराई पुलिस ने वायकर के साले के खिलाफ गोरेगांव (जो वायकर के निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है) में एक मतगणना केंद्र पर कथित तौर पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया है, जब 4 जून को आम चुनावों के नतीजे घोषित किए गए थे।
राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, वाइकर की चुनावी जीत संदेह के घेरे में है और मुंबई के वनराई पुलिस थाने में पहले ही शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है। चुनाव परिणाम को लेकर चल रहे विवाद के कारण, वायकर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने से रोका जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, अगर जांच पूरी होने तक उन्हें लोकसभा सदस्य बनने से रोक दिया जाए तो यह लोकतंत्र का सच्चा प्रदर्शन होगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के उम्मीदवार वाईकर ने 4 जून को उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) के अमोल कीर्तिकर को 48 मतों से हराया था।
राउत ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया कि वायकर के एक रिश्तेदार ने मतगणना वाले दिन से पहले वनराई पुलिस थाने में लगातार दौरा किया और इसका उद्देश्य जानना चाहा। राज्यसभा सदस्य ने कहा, वह वहां क्यों गया? क्या वह कोई सौदा करने की कोशिश कर रहा था? विवरण का खुलासा किया जाना चाहिए, अन्यथा मैं उनका पर्दाफाश कर दूंगा।
राउत ने वायकर के एक रिश्तेदार द्वारा मतगणना केंद्र पर कथित तौर पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के मामले को लेकर भी राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, राज्य में फोरेंसिक लैब गृह विभाग का हिस्सा हैं, जिसके प्रमुख भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं। अगर पुणे पोर्श कार दुर्घटना (आरोपी) के रक्त के नमूनों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है, तो कोई कल्पना कर सकता है कि पुलिस हिरासत में एक फोन और उसके डेटा के साथ क्या हो सकता है।
ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को लेकर रविवार को ताजा राजनीतिक वाकयुद्ध शुरू हो गया, जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 4 जून को मतगणना के दौरान वायकर के एक रिश्तेदार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से कनेक्ट मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए पाया गया था।
हालांकि, निर्वाचन क्षेत्र की रिटर्निंग अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने इस रिपोर्ट को झूठी खबर बताकर खारिज कर दिया और कहा कि ईवीएम एक स्टैंडअलोन प्रणाली है, इसे प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है और इसमें वायरलेस संचार क्षमता नहीं है।
भाजपा ने इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा और मांग की कि चुनाव आयोग को उन सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए जिन्होंने समाचार रिपोर्ट साझा करके झूठ को बढ़ावा दिया।