हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंची वायरोलॉजिस्ट बोली- चीन ने छिपाई कोरोना की जानकारी

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर दुनिया में बरकरार है। अब तक 1 करोड़ 25 लाख 4 हजार 363 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 72 लाख 92 हजार 131 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, 5 लाख 59 हजार 585 की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने चीन पर बार-बार ये आरोप लगाए हैं कि उसने सही समय पर इस वायरस के फैलने की जानकारी विश्व समुदाय को नहीं दी। हालाकि, शुरू से ही चीन हमेशा से येही कह रहा है कि जैसे ही उसे इस वायरस की गंभीरता का पता चला, उसने फौरन विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत दुनिया के कई देशों को इसकी जानकारी दी। लेकिन अब हांगकांग की एक वायरलोलॉजिस्ट ने चीन के इस दावे को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है।

हांगकांग से जान बचाकर अमेरिका पहुंचीं एक वैज्ञानिक ने खुलासा किया है कि कोरोना वायरस को लेकर चीन उससे काफी पहले से जानता था, जब इसने दुनिया को बताई। उन्होंने यह भी कहा है कि यह सरकार के सर्वोच्च स्तर पर किया गया।

हांग-कांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में वायरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी की विशेषज्ञ लि-मेंग यान ने फॉक्स न्यूज को शुक्रवार को दिए इंटरव्यू में कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत में उनकी रिसर्च को उनके सुपरवाइजर्स ने भी इग्नोर किया, जोकि इस फील्ड के दुनिया के टॉप एक्सपर्ट हैं। वह मानती हैं कि इससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी।

यान कहती हैं कि कोविड-19 पर स्टडी करने वाली वह दुनिया के पहले कुछ वैज्ञानिकों में से एक थीं। उन्होंने कहा, 'चीन सरकार ने विदेशी और यहां तक की हांगकांग के विशेषज्ञों को रिसर्च में शामिल करने से इनकार कर दिया।'

यान ने कहा कि बहुत जल्द पूरे चीन के उनके साथियों ने इस वायरस पर चर्चा की लेकिन जल्द ही उन्होंने टोन में बदलाव को नोटिस किया। डॉक्टर और शोधकर्ता जो खुले रूप से वायरस पर चर्चा कर रहे थे उन्हें चुप करवा दिया गया। वुहान के डॉक्टरों और शोधकर्ताओं ने चुप्पी साध ली है और दूसरों को चेतावनी दी गई कि उनसे ब्योरा ना मांगें। यान के मुताबिक, डॉक्टरों ने कहा कि हम इसके बारे में बात नहीं कर सकते हैं, लेकिन मास्क पहनने की जरूरत है। उनके सूत्रों के मुताबिक फिर मानव से मानव संक्रमण तेजी से बढ़ने लगा। इसके बाद यान ने वहां से निकलने का फैसला किया।

उनका कहना है कि उस वक्त उनके पास केवल पासपोर्ट और पर्स था, बाकी सब छोड़ना पड़ा। यदि वह पकड़ी जातीं तो जेल में डाल दी जातीं या गायब कर दी जातीं। यान ने कहा कि चीन की सरकार उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश कर रही है और सरकार के गुंडे उन्हें चुप करने के लिए साइबर अटैक कर रहे हैं। यान ने मीडिया को बताया कि हांगकांग सरकार ने गृहनगर में उनके छोटे से अपार्टमेंट को तोड़ दिया और उसके माता-पिता से पूछताछ की। वह कहती हैं कि अब भी उनकी जान को खतरा है। उन्हें यह भी डर है कि दोबारा कभी अपने घर जाकर दोस्तों और परिवार के लोगों से नहीं मिल पाएंगी।

आपको बता दे, कोरोना से सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिका को हुआ है। यहां अब तक 32,91,786 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके है, वहीं, 1,36,671 लोगों की जान भी जा चुकी है। अमेरिका के बाद ब्राजील दूसरे नंबर पर है। यहां, 18,04,338 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके है वहीं, 70,524 लोग इस वायरस से मर चुके है। ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर भारत है। यहां 8,22,603 संक्रमित मामले सामने आ चुके है वहीं, 22,144 लोगों की मौत भी हुई है।