विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #fakeencounter हैशटैग, चौतरफा उठ रहे सवाल?

बिकरू गांव में सीओ समेत 8 पुलिस वालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह ही मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाहर पुलिस के सामने सरेंडर किया था। लेकिन 24 घंटे के भीतर ही विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही थी, लेकिन शहर से 17 किमी पहले बर्रा थाना क्षेत्र में सुबह 6:30 बजे काफिले की एक गाड़ी पलट गई। विकास उसी में बैठा था। विकास ने गाड़ी पलटने के बाद पुलिस से पिस्टल छीनकर हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में वह बुरी तरह जख्मी हो गया। तीन गोली छाती में और एक बांह में लगी। विकास को अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मृत घोषित कर दिया। विकास को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। विकास के शव से कोरोना की जांच के लिए सैंपल भी लिया गया है। उधर, कानपुर के एलएलआर हॉस्पिटल के डॉक्टर आरबी कमल ने बताया कि जख्मी तीन पुलिसकर्मियों की हालत स्थिर है। विकास दुबे की एनकाउंटर में मौत के बाद सोशल मीडिया पर #fakeencounter हैशटैग ट्रेंड कर रहा है और तमाम लोग इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि जब विकास दुबे ने खुद ही सरेंडर कर दिया था तो वह भागने की कोशिश क्यों कर रहा था। एनकाउंटर के दौरान पुलिस ने सीने पर गोली मारी। क्या पुलिस का मकसद उसे भागने से रोकना नहीं, जान से मारना था?

सरल पटेल ने लिखा, 'बदला न्याय नहीं हो सकता। 8 शहीद पुलिसकर्मियों को न्याय तभी मिलेगा जब ये पता लगे कि पुलिस रेड के बारे में विकास दुबे को किसने जानकारी दी थी। निलंबित एसएचओ तो इस मशीनरी का एक हिस्सा हैं। सरकार और अफसरशाही में किसने विकास दुबे को प्रश्रय दिया और क्यों?'

राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने एक दिन पुराने ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि हर कोई जानता था कि यही होगा। 9 जुलाई को ट्वीट में उन्होंने विकास दुबे के एनकाउंटर की आशंका जताई थी।

एक यूजर ने विकास दुबे को सीने में गोली लगने को लेकर सवाल पूछा है। यूजर ने लिखा है कि अगर विकास दुबे भागने की कोशिश कर रहा था तो गोली पीठ पर या पैर पर लगनी चाहिए थी लेकिन गोली सीने पर कैसे लगी।

राज कुमार नाम के एक यूजर ने लिखा है, पहले दुबे की गाड़ी पलटी, फिर दुबे ने पुलिस की पिस्तौल छीनने की कोशिश की, दुबे को पैर में गोली नहीं लगी, सीने में गोली लगी...

निखिल अल्वा ने ट्वीट किया, 'अपराधी विकास दुबे की हत्या हमारे संविधान और कानूनी प्रक्रिया का अपमान है। ये हमारी न्याय व्यवस्था के परीक्षा की घड़ी है। क्या वे इसके खिलाफ खड़े होंगे और हमारे संविधान को बचाएंगे या फिर कोई दूसरा रास्ता अपनाएंगे।'