बारिश थमने के बाद फिर से शुरू हुई बद्रीनाथ यात्रा, चार धाम यात्रा में अब तक 41 श्रद्धालुओं की मौत

उत्तराखंड में बारिश थमने के बाद मंगलवार सुबह 6 बजे फिर से बद्रीनाथ यात्रा शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि सोमवार रात को मूसलाधार बारिश और जगह जगह भूस्खलन के चलते यात्रा को रोक दिया गया था। चमोली में मूसलाधार बारिश के चलते बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हनुमान चट्टी से बद्रीनाथ के बीच, लामबगड़ में खचड़ा नाले में पानी बढ़ने और बलदूड़ा में भूस्खलन के चलते यात्रा रोकी गई थी। यात्रियों को पाण्डुकेश्वर, बद्रीनाथ जोशीमठ, पीपलकोटी, चमोली और गौचर मे रोका गया था।

अब तक 41 यात्रियों की मौत

उधर, चार धाम यात्रा में अब तक 41 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा मौत केदारनाथ यात्रा के दौरान हुई। इस दौरान 15 यात्रियों ने अपनी जान गंवाई। वहीं, यमुनोत्री में 14, बद्रीनाथ में 8 और गंगोत्री में 4 श्रद्धालुओं की मौत हुई। बताया जा रहा है कि श्रद्धालुओं की मौत हाई ब्लड प्रेशर, हर्ट संबंधी बीमारियों, पहाड़ी पर चढ़ने संबंधी बीमारियों से हुई हैं। ऐसे में प्रशासन की ओर से ऐसे यात्रियों को यात्रा न करने की सलाह दी गई है, जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़

चार धाम यात्रा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। चारधाम में सबसे ज्यादा भीड़ केदारनाथ धाम में उमड़ रही है। हेलीपैड से ही मंदिर के लिए लोग लाइन में खड़े हो रहे हैं। पैदल रास्तों में भीड़ अधिक होने से अनहोनी की आशंका रहती है। सरकार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद 8 मई से 16 मई शाम तक 1,76,463 यात्रियों ने दर्शन किए हैं। वहीं, केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तारीख यानी 6 मई से 16 मई तक 2,13,640 यात्रियों ने दर्शन किए हैं।

यात्रियों की संख्या को फिर किया सिमित

भारी भीड़ को देखते हुए चारधाम यात्रा में एक बार फिर यात्रियों की संख्या को सीमित कर दिया गया है। भीड़ नियंत्रित रहे इसलिए ये कदम उठाया गया है। अब बद्रीनाथ में रोजाना 16 हजार , केदारनाथ में 13 हजार , गंगोत्री में 8 हजार और यमुनोत्री में रोजाना 5 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति हैं।