वाराणसी पुल हादसे के बाद प्रदेश सरकार की बड़ी कार्रवाई, 7 इंजिनियर और 1 ठेकेदार गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में 15 मई को निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरने के कारण हुई 18 लोगों की मौत के बाद शनिवार को पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। वाराणसी हादसे के करीब ढाई महीने बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 इंजीनियर और 1 ठेकदार को गिरफ्तार किया है। जिसमें चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी भी शामिल हैं। वहीं डीजीपी ओपी सिंह ने भी गिरफ्तारी की पुष्टी की है।

पुलिस के मुताबिक वाराणसी हादसे के मामले में दर्ज केस के तहत शनिवार को पूर्व चीफ प्रॉजेक्ट मैनेजर गेंदालाल, के आर सूदन, एई राजेंद्र सिंह, एई राम तपस्या यादव, जेई लालचंद सिंह, जेई राजेश पाल और ठेकेदार साहेब हुसैन को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा चीफ प्रॉजेक्ट मैनेजर एससी तिवारी को भी पुलिस हिरासत में लिया गया है। इन गिरफ्तारियों के बाद जांच अधिकारी अब इन सभी से हादसे के पीछे की वजह को लेकर कड़ी पूछताछ कर रहे हैं।

हादसे के बाद कई अफसरों पर हुई कार्रवाई

बता दें कि हादसा वाराणसी-इलाहाबाद की ओर जाने वाले राजमार्ग पर हुआ था। जब ये ओवरब्रिज भरभराकर गिर था तब उसके नीचे ट्रैफिक चल रहा था। गाड़ियां सड़क से चिपक गईं जो जहां था, वहीं थमकर रह गया। कुछ लोगों की चीखें निकल गईं तो वहीं कुछ को चीखने का मौका तक नहीं मिला। देखते ही देखते 18 लोग मौत के मुंह में समा गए। पुल हादसे के बाद योगी सरकार ने इसकी जांच के लिए एक विशेष कमिटी का गठन किया था। इसके अलावा हादसे का जिम्मेदार मानते हुए सेतु निगम के कई अफसरों पर भी कार्रवाई की गई थी।

हालांकि पूर्व में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी कई दिनों तक हादसे के जिम्मेदार अफसरों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी, जिसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे लेकर सरकार पर निशाना भी साधा था। गौरतलब है कि 15 मई को वाराणसी में कैंट स्टेशन के पास निर्माणाधीन फ्लाईओवर का हिस्सा गिर जाने के कारण कई लोग इसके नीचे दब गए थे। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुल निर्माण निगम इस 2261 मीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण 129 करोड़ की लागत से कर रहा था। फ्लाईओवर का जो हिस्सा गिरा है, उसे तीन महीने पहले ही बनाया गया था।