वाराणसी: प्रशासन की लापरवाही से गिरा काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित सैकड़ों वर्ष पुराना अक्षयवट वृक्ष

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रशासन की लापरवाही से सैकड़ों वर्ष पुराना अक्षयवट पेड़ गिर गया है। यह पेड़ काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक बगल में था। दरअसल, विश्वनाथ कॉरिडोर सौन्दर्यीकरण का काम चल रहा था। पहले ही इस वृक्ष को संरक्षित और सुरक्षित रखते हुए कार्य करने की बात कही गई थी, अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था। लेकिन वृक्ष संरक्षित नहीं किया गया और बुधवार सुबह विशाल अक्षयवट वृक्ष ढह गया। इस वृक्ष के ढह जाने से स्थानीय लोगों और संत समाज में भारी रोष व्याप्त है। सभी वृक्ष गिरने की पीछे प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मामले में जिले के बड़े अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।

बता दें काशी, प्रयाग और गया मात्र तीन जगहों पर ये अक्षयवट पेड़ हैं। इस वृक्ष से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। यही नहीं, यहां कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी होते थे। बताया जाता है कि पूरे भारत में सिर्फ 3 जगह पर अक्षयवट वृक्ष विराजमान हैं। ये जगह काशी, गया और प्रयाग हैं। गया में वृक्ष के नीचे पिंडदान किया जाता है, वहीं प्रयागराज में सिर मुंडन होता है और काशी में इसी वृक्ष के नीचे दंडी स्वामी को भोजन कराने की मान्यता रही है। तीनों स्थानों पर हनुमान जी तीन स्वरूप में विराजमान हैं। गया में जहां हनुमानजी बैठे हैं, वहीं प्रयागराज में लेटे हैं और किले के अंदर हैं, वहीं काशी में खड़े हनुमान जी हैं।