उन्नाव में जला दी गई रेप पीड़िता को जब लखनऊ से दिल्ली लाया जा रहा था उस समय रास्ते में पीड़िता के साथ उनके भाई, बड़ी बहन और मां साथ में थे। बड़ी बहन का कहना है कि रास्ते भर वह मौत से बेपरवाह रही, उसे चिंता इस बात की रही कि आग के हवाले करने वाले आरोपी पकड़े गए या नहीं। बड़ी बहन ने कहा मुश्किल से उसके गले से आवाज निकल रही थी, फिर भी वो दोषियों के पकड़े जाने के बारे में जानना चाहती थी।
सफदरजंग हॉस्पिटल में साथ रहीं बड़ी बहन बताती हैं कि मुश्किल से वह दो शब्द बोल पा रही थी। बार-बार वह पूछ रही थी कि जिन लोगों ने उसे आग के हवाले किया है, उन्हें वह अपनी आंखों से दोषियों को फांसी पर लटकते देखना चाहती थी, इसलिए अभी वह मरना नहीं चाहती थी।
उन्होंने कहा कि वो पूरे रास्ते पूछती रही कि पुलिस ने अभी तक कितने लोगों को पकड़ा? जिस समय तक वह होश में रही, उस वक्त तक दो लोगों को पकड़े जाने की सूचना मैंने दी, लेकिन सभी को पकड़े जाने और उन्हें फांसी पर चढ़ते देखने की उसकी ख्वाहिश अधूरी ही रह गई।
बड़ी बहन का आरोप है कि लखनऊ में उसकी बहन का ठीक से इलाज नहीं किया गया। हालत इतनी गंभीर होने के बाद भी अस्पताल के डॉक्टरों ने सिर्फ ग्लूकोज चढ़ाया था और उनकी बातें भी डॉक्टर सुनने को तैयार नहीं थे। परिवार के लोग बार-बार मांग कर रहे थे कि उसका ट्रांसफर दिल्ली कर दिया जाए, लेकिन किसी ने उनकी बातों पर ध्यान ही नहीं दिया। आखिरी वक्त में जब स्थिति नाजुक हुई तो दिल्ली ट्रांसफर किया गया। अगर यह काम पहले हो जाता तो शायद हालत कुछ और होती।
बता दे, पीड़िता का शुक्रवार को इलाज के दौरान देर रात 11:40 मिनट पर निधन हो गया था। पीड़िता की मौत गंभीर रूप से जलने की वजह से हुई। पीड़िता के साथ गैंगरेप के आरोपियों ने उसे गुरुवार सुबह जिंदा जलाने का प्रयास किया था, जिसके बाद 90 फीसदी तक झुलसी पीड़िता को पहले लखनऊ और फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्नाव रेप केस की पीड़िता के शव को शनिवार देर शाम कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से उसके गांव लाया गया। पीड़िता के शव का रविवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि पीड़िता के शव को घर से एक किमी दूर खेत में स्थित उसके दादा-दादी की समाधि के पास ही दफनाया जाएगा। शव गांव में पहुंचते ही परिजनों में रोना-धोना मच गया। किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। कानून व्यवस्था के मद्देनजर सीतापुर, हरदोई और लखनऊ से पुलिस फोर्स को उन्नाव बुलाया गया है। इसके अलावा दो प्लाटून पीएसी को भी मौके पर बुलाया गया है। मीडिया को पीड़िता के घर से दूर रखे जाने की कोशिश चल रही है। पीड़िता के शव को फिलहाल घर के कच्चे बरामदे में रखा गया है।